अखंड समाचार, बटाला (सुभाष सहगल) : नगर कौंसिल फतेहगढ़ चूड़ियां के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार शिंदी को एक व्यक्ति की तरफ से फोन पर गैंगस्टर की आवाज निकालकर धमकाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसका खुलासा आज यहां पत्रकार सम्मेलन में किया।
बटाला पुलिस लाइन में गुरप्रीत सिंह एसपी हैडकुआटर ने कहा कि राजपाल सिंह संधू एसएसपी बटाला के निर्देशानुसार, हरजीत सिंह धालीवाल एसपी (पीबीआई) बटाला और रिपुतापन सिंह संधू डीएसपी फतेहगढ़ चूड़ियां एसआई जितेंद्र सिंह, एएसआई राजबीर सिंह, कांस्टेबल जुगराज सिंह, कांस्टेबल जोबनप्रीत सिंह और कांस्टेबल गुरसतनाम सिंह सहित इंस्पेक्टर प्रभजोत सिंह एसएचओ फतेहगढ़ चूड़ियां के मार्गदर्शन में तकनीकी सहयोग से मंडी फतेहगढ़ चूड़ियां में मौजूद थें, जहां एक मोना युवक मुला फैशन सुबह संदिग्ध हालत में दाना मंडी के पास सड़क पर बस का इंतजार कर रहा था, पूछताछ के दौरान जिसने खुद की पहचान आशीष कुमार उर्फ कालू पुत्र नरेश कुमार निवासी हाउस नंबर 7, स्माइल एन्क्लेव हॉल, हाउस नंबर 44, कश्मीर गार्डन थाना, सदर अमृतसर के रूप में की, उसने स्पष्ट किया कि 1984 में उसके पिता नरेश कुमार सुरिंदर कुमार शिंदी पुत्र ज्ञानचंद निवासी वार्ड नं 7 पूर्व अध्यक्ष नगर कौंसिल फतेहगढ़ चूड़ियां उनकी ट्रांसपोर्ट में मुंशी का काम करते थें और फरवरी 2022 में मेरे पिता ने सुरिंदर कुमार शिंदी के साथ ट्रांसपोर्ट कार्य में भागीदारी की थी और मुंशी के रूप में भी काम किया था, लेकिन सुरिंदर कुमार शिंदी ने ट्रांसपोर्ट के काम में दिलचस्पी नहीं दिखाई और काम में मदद नहीं की। जिससे ट्रांसपोर्ट का काम ठप हो गया और पूरा परिवार तनाव में आ गया, जिससे उसके पिता को भी पैरालाइज का अटैक आया और हमने सुरिंदर शिंदी को इसके बारे में बताया, लेकिन उन्होंने बिल्कुल भी मदद नहीं की और उल्टा हमें परेशान किया।
11 जून 2022 को उसने सुरेंद्र कुमार शिंदी को फोन किया और अमृतसर की फतेहपुर जेल के पास 5 लाख रुपये लाने को कहा और गैंगस्टर की आवाज निकालकर कहां कि अगर पैसे न दिए तो उसके लड़के साहिल का अपहरण कर लिया जाएगा, जिसके बाद 25 लाख रुपये देने होंगे। एसपी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि आरोपी आशीष ने सुरेंद्र कुमार शिंदी को नुकसान पहुंचाने और जबरन वसूली करने की धमकी दी थी, जिसके विरुद्ध धारा 385, 387 आईपीसी के अंतर्गत मामला दर्ज कर पूछताछ की जा रही है, जिससे ओर खुलासे होने की आशा है।