कोलकात्ता,(ब्यरो) : पश्चिम बंगाल के कथित शिक्षा घोटाले में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। ई़डी ने इसके साथ ही उनकी करीबी बताई जाने वाली अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में लिया है। बता दें कि पिछले 26 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पार्थ चटर्जी को कोलकाता में उनके आवास से गिरफ्तार किया। ईडी की टीम एसएससी भर्ती घोटाले के सिलसिले में 22 जुलाई से यहां पर थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के घर ईडी की टीम पहुंची थी।
वहीं गिरफ्तारी से एक दिन पहले मंत्री के करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के पास से 20 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई थी। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि संदेह है कि यह राशि कथित एसएससी घोटाले से मिली आय है। इसके अलावा अर्पिता मुखर्जी के परिसर से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी बरामद किए गए। गौरतलब है कि अर्पिता मुखर्जी 2019 और 2020 में पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति के प्रचार अभियाना हिस्सा रही थीं।
बता दें कि ईडी की कार्रवाई के दौरान पार्थ चटर्जी ने अपने स्वास्थ्य खराब का हवाला दिया था। जिसके बाद शनिवार की सुबह दो डॉक्टरों की टीम उनके आवास पर इलाज के लिए पहुंची थी। उनकी मेडिकल जांच के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार पार्थ को कोलकाता में CGO कॉम्प्लेक्स ले जाया जाएगा।
बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी वर्तमान में उद्योग और वाणिज्य मंत्री हैं। कथित घोटाले के बाद उनसे शिक्षा विभाग वापस ले लिया गया था। बता दें कि चटर्जी के अलावा ईडी ने शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य के ठिकानों पर भी छापेमारी की है।
टीएमसी ने क्या कहा:
ईडी की इस कार्रवाई पर टीएमसी ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए एक चाल कहा है। पार्टी ने इस मामले में किसी भी भूमिका से इनकार किया है। वहीं भाजपा ने दावा किया है कि सीबीआई और ईडी सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं और इसमें अभी और नये नाम सामने आएंगे।