छोटा पैकेट बड़ा धमाका : मिलिए 14 साल की अनाहत सिंह से, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में रचा इतिहास

अखंड समाचार,दिल्ली (ब्यूरो) : उम्र महज 14 साल, लेकिन काम ऐसा कि बड़े-बड़े सूरमा न कर पाएं। ब्रिटेन में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह चर्चा में हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाली वह सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी हैं। पीवी सिंधु, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे बड़े भारतीय खिलाड़ियों पर लोगो की नजर तो बनी ही हुई है, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के पहले दिन 14 वर्ष की स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।

अनाहत ने शुक्रवार को हुए महिला सिंगल्स के राउंड ऑफ 64 के मैच में अपनी उम्र से काफी बड़ी सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के जेसा रॉस को लगातार तीन गेमों में हरा दिया। अनाहत ने पहला गेम 11-5 से जीता, दूसरे गेम में आसानी से 11- 2 से मात दी वहीं तीसरे गेम में जेसा रॉस को 11-0 से हराकर राउंड ऑफ 64 में करारी मात दी। अनाहत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला एकल के राउंड -32 में जगह बना ली है।

13 मार्च 2008 को दिल्ली में जन्मी अनाहत सिंह को स्क्वैश खेलने की प्रेरणा बड़ी बहन अमीरा से मिली। अमीरा अंडर -19 स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। अनाहत के पिता गुरशरण सिंह पेशे से वकील हैं जबकि मां तानी सिंह इंटीरियर डिजाइनर हैं। अनाहत ने छह साल की उम्र में बैडमिंटन से शुरुआत की थी। बाद में बैडमिंटन की जगह स्क्वैश अपना लिया।

अनाहत छह साल की उम्र में पीवी सिंधु को दिल्ली में इंडियन ओपन में खेलते हुए देखकर बैडमिंटन के प्रति आकर्षित हो गई थीं। उन्होंने दिल्ली के कुछ युवा स्तर के टूर्नामेंट भी जीते। अनाहत फिलहाल नौवीं कक्षा की छात्रा हैं। अनाहत सिंह ने ईएसपीएन को बताया, “ पहले मैं इस तरह के अनुभवी खिलाड़ियों के साथ शिविर में होने को लेकर परेशान थी, लेकिन वे सच में प्यार और मददगार थे। उन्होंने मुझे सही तरह से फिट करने में मदद की।”

अनाहत का कहना उनको पता था वह प्रोफेशनल स्पोर्ट्स में कैरियर बनाने जा रही हैं। अनाहत ने कहा, “ मैं अपनी बहन के साथ जाती थी और 15-20 मिनट तक हिट करती थी, लेकिन मैंने इसे कभी गंभीरता से नही लिया क्योंकि मैं मुख्य रूप से बैडमिंटन पर फोकस कर रही थी। मेरी बहन बंगाल में एक टूर्नामेंट खेल रही थी और मैं साथ गई थी। फिर मैंने भी स्क्वैश में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी। वास्तव में अच्छा करने के बाद मैंने बहुत अधिक अभ्यास किया।”

बहुत कम समय में अनाहत अंडर-11 और अंडर-13 में नंबर एक खिलाड़ी बन गई। 2019 में अंडर-11 लेवल पर भारत के लिए ब्रिटिश ओपन में स्वर्ण पदक जीता, इसी साल एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। 2020 में वह ब्रिटिश और मलेशिया जूनियर ओपन में रजक पदक विजेता रही। 2021 यूएस ओपन जूनियर(अंडर-15) स्क्वैश टूर्नामेंट जीता।

अनाहत ने इस साल जून में थाईलैंड एशियाई जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप( अंडर-15) में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चेन्नई में हुए नेशनल कैंप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अनाहत सिंह ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के भारतीय स्क्वैश टीम में जगह बनाई। उन्होंने छह साल से भी कम में 46 सर्किट खिताब, दो राष्ट्रीय सर्किट खिताब, दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप और आठ अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने ब्रिटिश जूनियर स्क्वैश ओपन (2019) और यूएस जूनियर स्क्वैश ओपन (2021) में जीत हासिल की है।

Vinkmag ad

Read Previous

शादी के 6 साल बाद मां बनने वालीं हैं एक्ट्रेस बिपासा बसु, करण सिंह ग्रोवर के घर जल्द सुनाई देगी किलकारी

Read Next

आज भारत को मिल सकता है गोल्ड, श्रीहरि नटराजन तैराकी में रच सकते हैं इतिहास