अखंड समाचार,दिल्ली (ब्यूरो) : 48 वर्षीय कन्नड़ फिल्म स्टार का मानना है कि वो एक अच्छे डिसिजन मेकर नहीं हैं। बतौर एक्टर, निर्देशक या निर्माता किसी भी प्रोजेक्ट को करने से पहले वो अपने मन की बात सुनते हैं। उनका कहना है कि वो किसी फिल्म स्क्रिप्ट में वो एक चीज खोजते हैं, जो इससे पहले कभी न दिखाई गई हो। क्योंकि नई कहानी ढूंढना मुश्किल है।
किच्चा सुदीप का कहना है कि नई कहानी जैसा कुछ नहीं होता, बस उसको पेश करने का तरीका नया होता है। सुदीप ने कहा कि मैं साफ और स्पष्ट दिमाग के साथ फिल्म की कहानी सुनता हूं। अगर मुझे उसमें कोई अलग बात या चिंगारी दिखती है, तभी मैं वो फिल्म करता हूं।
अपने 25 साल के फिल्मी करियर में किच्चा सुदीप ने कन्नड़ ब्लॉकबस्टर ‘स्पर्श’, ‘किच्चा’, ‘स्वाति मुथु’, ‘द विलेन’, ‘पेलवान’, ‘तेलुगु-तमिल द्विभाषी ईगा और तेलुगु-हिंदी बायलिंगुअल सिरीस ‘रक्त चरित्र’ में अभिनय किया है। किच्चा ने कन्नड़ हिट्स: माई ऑटोग्राफ, नंबर 73, शांति निवास और वीरा मदकारी पर निर्देशक, निर्माता और अभिनेता के रूप में भी काम किया है।
एक्टर की मानें तो ये सभी फिल्में किसी खूबसूरत संयोग से कम नहीं थीं। उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो, अगर कोई चीज मुझे उत्साहित करती है, तो मैं उसे करता हूं।” एक्टर ने कहा कि उन्हें याद है उन्होंने एसएस राजामौली की ईगा (‘मक्खी’) के लिए तुरंत हां कह दिया था। इस फिल्म में सुदीप को नेगिटिव रोल में दिखाया गया है। इसके अलावा उन्होंने राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म ‘रण’ में भी अपने फेवरेट मेगास्टार अमिताभ बच्चन के साथ भी काम किया था।
किच्चा ने कहा कि सिनेमा उनकी लाइफ है और उन्हें जीवन में जो कुछ भी मिला है वो सब सिनेमा की ही देन है। एक्टर ने कहा कि उन्होंने फिल्मों से प्यार किया है, उसी तरह सिनेमा ने भी मुझसे प्यार किया है। मुझे नहीं लगता कि अगर दर्शकों ने मुझे प्यार नहीं किया होता तो मैं यहां 25 साल तक टिक पाता।
उन्होंने कहा,”मैं कम फिल्में करता हूं, मैं साल में 4 फिल्में करने वाले एक्टर्स में से एक नहीं हूं। मैं सिर्फ साल में एक फिल्म करता हूं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि मेरे अंदर फिल्मों के प्रति कभी जुनून कम होगा। अब तक मैंने करियर में 100 फिल्में भी नहीं की हैं।”