पिछले दो सालों से क्‍यों जीरो हो गई मुकेश अंबानी की सैलरी, जानें

अखंड समाचार,मुंबई (ब्यूरो) : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन लगातार दूसरे साल में अपनी सैलरी नहीं ली। दरअसल कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए मुकेश अंबानी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी सैलरी नहीं लेने का फैसला किया था। कंपनी ने कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुए संकट को ध्यान में रखते हुए कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पिछले वित्त वर्ष सैलरी नहीं लेने का फैसला किया है। ये सिलसिला अभी जारी है।

वित्त वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट कहती हैं कि मुकेश ने फिर से सैलरी नहीं ली। मुकेश अंबानी की सैलरी में पिछले 12 सालों से कोई इजाफा नहीं हुआ है। वित्त वर्ष 2008-09 से उनकी सालाना सैलरी 15 करोड़ फिक्स है।

मुकेश के कजिन निखिल और हितल मेसवानी की सैलरी भी 24 करोड़ है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि इस बार उन्हें 17.28 करोड़ रुपये बतौर कमीशन भी मिले हैं। मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी कंपनी की नॉन-एग्जिक्युटिव डायरेक्टर हैं। इस साल सिटिंग फीस 5 लाख और एक साल का कमीशन 2 करोड़ रुपए है। जबकि पहले के साल में सिटिंग फीस 8 लाख और कमीशन 1.65 करोड़ था।

रिलायंस के कार्यकारी निदेशक पीएमएस प्रसाद और पवन कुमार कपिल के पारिश्रमिक में गिरावट देखी जा रही है। प्रसाद को 2020-21 में 11.99 करोड़ रुपए मिले। ये आंकड़ा इससे पिछले वर्ष में 11.15 करोड़ रुपए था। इसी तरह कपिल का पारिश्रमिक 4.04 करोड़ रुपए से बढ़कर 4.24 करोड़ रुपए हो गया। इस साल की बात की जाए तो प्रसाद को 11.89 करोड़ और कपिल को 4.22 करोड़ रुपये ही बतौर मेहनताना दिए गए। सालाना रिपोर्ट कहती है कि उनके पारिश्रमिक में पहले से कमी हुई है।

ध्यान रहे कि कोरोना काल में अपने एंप्लॉयी और समाज की मदद के लिए रिलायंस फाउंडेशन और मुकेश अंबानी ने असाधारण सहयोग दिया है। रिलायंस ने कोरोना से कर्मचारियों की जान जाने पर परिवार को अगले 5 साल तक सैलरी देने का फैसला किया है। कंपनी 10 लाख रुपए तक परिवार को एकमुश्त आर्थिक मदद भी करेगी। इसके अलावा, कंपनी ग्रैजुएशन तक बच्चों की पढ़ाई और परिवार का खर्च उठाएगी। कंपनी का ये कदम एक मिसाल है।

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