अखंड समाचार, पंजाब (ब्यूरो) : ढेलेदार चर्म रोग वायरस का संक्रमण देश के कई राज्यों में बढ़ता जा रहा है, जिससे पंजाब समेत कई राज्यों में हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है। ऐसा माना जाता है कि गायों में मृत पशुओं की संख्या सबसे अधिक है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में कई लोग गायों को भारी मात्रा में छोड़ रहे हैं. अगर बात करें फगवाड़ा शहर की तो यहां की सड़कों पर बड़ी संख्या में लाचार गायें नजर आती हैं, जो कूड़े के ढेर में मुंह फुलाती और प्लास्टिक निगलती नजर आ रही हैं. गौरतलब है कि गायें पहले से ही इस बीमारी से पीड़ित हैं और इस तरह वे प्लास्टिक खाने से और भी भयानक बीमारियों का शिकार हो कती हैं।
प्लास्टिक का अंधाधुंध प्रयोग भी एक कारण
गौरतलब है कि सरकार द्वारा प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध के बावजूद शहर में प्लास्टिक का अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है. आम बात है कि खाने-पीने का सामान, सब्जी आदि बेचने वाले वेंडर व अन्य व्यापारी प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग कर रहे हैं। उन्हें देखकर लगता है कि उन्हें न तो प्रशासन का कोई डर है और न ही प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी है। ऐसे में प्लास्टिक कचरे का परिचालन में आना स्वाभाविक है और भोजन की तलाश में असहाय जानवर इसे निगल कर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।
लोगों ने कहा- प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि वह इस पर ध्यान दें
प्रतिबंध के बावजूद खुले में प्लास्टिक का इस्तेमाल और सड़कों पर लाचार पशुओं की संख्या प्रशासन की कार्यशैली पर ही सवाल उठा रही है. इस संबंध में लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस पर अधिक ध्यान देना चाहिए और प्लास्टिक के उपयोग को सफलतापूर्वक रोकना चाहिए और असहाय गायों और अन्य जानवरों के मुक्त घूमने की समस्या को हल करने के लिए प्रभावी उपाय करना चाहिए। सड़कों पर यातायात प्रभावित होता है, जिससे दुर्घटना भी हो सकती है। इसके अलावा बीमारी के कारण गायों को छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर यह सुनिश्चित किया जाए कि बीमार गायों का पूरा इलाज हो।
लोग प्लास्टिक थोक विक्रेताओं के बारे में सूचित करें: ए. डी. सी.
इस विषय पर बात करते हुए ए. डी. सी.-सह-नगर निगम आयुक्त फगवाड़ा डॉ. नयन जसल ने कहा कि गायों में चल रही बीमारी चिंता का विषय है, इसलिए उन्होंने गौशाला प्रबंधन के साथ बैठक की और उन्हें गौशाला के प्रबंधन के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा और जब उनके पास इसके लिए पूरी जगह उपलब्ध हो. हल किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग से संबंधित चालान काटने के लिए उनके विभाग में निरीक्षक और मुख्य स्वच्छता निरीक्षक के पद खाली हैं, जिसे उन्होंने सरकार से भरने का अनुरोध किया है. प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है, इसलिए प्लास्टिक के इस्तेमाल से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक लिफाफा उपलब्ध कराने वाले थोक विक्रेताओं को इसकी सूचना दी जाए और इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
अपरिपक्व जानवरों के लिए घातक है प्लास्टिक : एस. पी.
एस. पी. फगवाड़ा मुख्तियार रॉय ने कहा कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण, बेजान जानवरों और पूरे समाज के लिए हानिकारक है और पर्यावरण की रक्षा करना हमारा सामान्य कर्तव्य है। पंजाब सरकार द्वारा प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और जो लोग अभी भी प्लास्टिक के लिफाफे का उपयोग कर रहे हैं उनके खिलाफ संबंधित अधिकारियों के साथ कार्रवाई की जाएगी।