अखंड समाचार,बिलासपुर (ब्यूरो) : इस बार विधानसभा चुनाव में एम-थ्री वर्जन की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मतदान के लिए प्रयोग में लाई जाएगी। नई मशीनों के बारे में मतदाताओं को जागरूक करने को ब्लॉक स्तर पर विशेष कैंप चलाए जाएंगे। पोलिंग स्टेशन पर तय तिथियों में इन मशीनों को प्रदर्शित कर टें्रड कर्मचारी मतदाताओं को जागरूक करेंगे। पिछले चुनाव में एम-टू वर्जन की ईवीएम को प्रयोग में लाया गया था। नई एम-थ्री ईवीएम की खासियत यह है कि इनमें अब 32 की बजाय 384 उम्मीदवारों के नाम जोडऩे की व्यवस्था होगी। मशीन खराबी को भी खुद पकड़ लेगी। अगर किसी ने छेड़छाड़ की तो यह काम करना बंद कर देगी। सॉफ्टवेयर में फाल्ट आने पर कंट्रोल यूनिट डिस्पले स्क्रीन में प्रदर्शित कर सकती है। इससे मशीन को जल्द दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। इस प्रोग्राम को लेकर कर्मियों का ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा इस बार चुनाव आयोग की ओर से वोटर हेल्पलाइन ऐप लांच की गई है। इस ऐप के माध्यम से युवा मतदाता निर्धारित फार्म भरकर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकेंगे। ऐप के माध्यम से वोटरकार्ड को आधार कार्ड के साथ लिंक किया जा सकेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त पंकज राय ने खबर की पुष्टि की है। (एचडीएम)
पहले यह थी व्यवस्था
इससे पहले एम-टू ईवीएम में केवल एक बैलेट यूनिट जोड़ी जा सकती हैं। यानी 32 उम्मीदवार होने तक चुनाव ईवीएम से हो सकता था। इससे अधिक उम्मीदवारों पर बैलेट पेपर के इस्तेमाल की व्यवस्था थी।
24 बैलेट यूनिट
नई तकनीक से विकसित एम-थ्री इलेक्ट्रॉनिक मशीन में 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते हैं। एक बैलेट यूनिट में 16 उम्मीदवार होते हैं। यानी किसी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 384 उम्मीदवार खड़े होते हैं तो भी इनका चुनाव ईवीएम के जरिए आसानी से हो पाएगा।
बंगलूरू भेजी प्रदेश भर की खराब 256 मशीनें
तहसीलदार (चुनाव) बिलासपुर उषा चौहान ने बताया कि बिलासपुर जिला के लखनपुर में प्रदेश का पहला वेयरहाउस तैयार किया है , जिसमें प्रदेश भर की ईवीएम रखी हैं। इस समय बैलेट युनिट्स 711 हैं और कंट्रोल युनिट 617 जबकि वीवीपैट 711 हैं। वेयरहाउस में प्रदेश भर की 256 ईवीएम खराब पाई गई हैं, जिन्हें बंगलूरू भेज दिया गया है।