अखंड समाचार, बटाला ( ब्यूरो ) : हमारे देश में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज हैं। कुछ दशक पहले यह बीमारी पूरे भारत में किसी को मालूम भी नहीं थी। यह सब पश्चिमी देशों की नकल करने का नतीजा है। सॉफ्ट ड्रिंक कोका कोला, पेप्सी इसमें किसी प्रकार का कोई पोषक तत्व नहीं होता। यह डायबिटीज कैंसर और हड्डियों की कमजोरी जैसी बीमारियों को पैदा करता है। इसके उल्ट हमारे यहां का परंपरागत गन्ने का जूस जिसे हमने भुला दिया था। यदि उसके पोषक तत्व जाने तो यह किसी अमृत से कम नहीं है। आइए दोनों के फायदे नुकसान देखते हैंकोल्ड ड्रिंक्स का शरीर पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल, यह आपके वजन को तो बढ़ाता ही है साथ ही लिवर को भी नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा यह आपके मेटाबॉलिज्म को भी डिस्टर्ब करता है। और इंसुलिन की समस्या को भी बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह डाइबिटीज टाइप 2 की वजह भी बन सकता है। हैकोल्ड ड्रिंक्स में ग्लूकोज और फ्रक्टोज बहुत अधिक होते हैं। चूंकि इन ड्रिंक्स में शुगर ज्यादा होता है। तो फ्रक्टोज को पचाने में लीवर को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। जिससे लीवर में इन्फ्लेमेशन की शिकायत आ जाती है। कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से पेट के आसपास फैट जमा होता है। और बेली फैट बढ़ने लगता है। जिससे डायबिटीज और दिल की बीमारियां हो सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा ड्रिंक्स में फॉस्फोरिक एसिड और कार्बोनिक एसिड होता है। जो आपके दांतों के सुरक्षा पर्त यानी इनेमल को नुकसान पहुंचाता है। गन्ने का रस में कैल्शियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पोटैशियम और जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें आयरन, विटामिन ए, सी, बी-कॉम्प्लेक्स, प्रोटीन और फाइबर काफी मात्रा में पाए जाते हैं।खाली पेट गन्ने का रस पीने से किडनी के बेहतर कामकाज में मदद मिलती है। नेचर में ऐल्कलाइन होने के अलावा ये एक अच्छा एंटीबायोटिक एजेंट है। इतना ही नहीं ये पेशाब के दौरान होने वाले दर्द और जलन को भी कम करता है। इस रस में ट्रायसिन नामक एक फ्लेवोन पाया जाता है। जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। साथ ही अपने एंटी-प्रोलाइफरेटिव गतिविधि के कारण गन्ने का जूस कई तरह की कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से रोक सकता है। पोषक मात्रा प्रति 100 ml
ऊर्जा 49 kcal
कार्बोहाइड्रेट्स 11.51 gm
शुगर 8.55 gm
कैल्शियम 10 mlgm
आयरन 0.18 mlgm
मैग्नीशियम 12 mlgm
पोटैशियम 160 mlgm
गन्ना ठंडी तासीर का होता है, इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से बचें, वरना सर्दी-जुकाम हो सकता है।
कोक को मीठा बनाने के लिए शक्कर की जगह एस्पार्टेम और आर्टिफिशियल शुगर मिलाया जाता है। वास्तव में आर्टिफिशियल स्वीटनर शक्कर से ज़्यादा हानिकारक होता है। आर्टिफिशियल शुगर के 90 से ज़्यादा साइड इफेक्ट्स हैं। लंबे समय तक इसका सेवन से सिरदर्द, थकान, डिप्रेशन, कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। जो महिलाएं नियमित रूप से सॉफ्ट ड्रिंक के रूप में सोडा का सेवन करती हैं, कैल्शियम और विटामिन डी सप्लिमेंट लेने के बावजूद उनकी बोन मिनरल डेंसिटी कम होती है।
सौजन्य से डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डायटिशियन एंड चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एंड ट्रेंड योगा टीचर।