अखंड समाचार,शिमला (ब्यूरो) : हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में वर्ष 1972 से लेकर वर्ष 2017 तक के विधानसभा चुनाव में प्रदेशभर में 61 प्रतिशत प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए हैं। विधानसभा चुनावों में वर्ष 1972 से लेकर वर्ष 2017 तक के विधानसभा चुनाव में प्रदेश भर में 3840 प्रत्याशियों में से 2353 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। पिछले पांच दशक के विधानसभा चुनावों में कम वोट मिलने के कारण हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 101 महिलाओं सहित 2353 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इसमें वर्ष 1990 के चुनाव में सबसे अधिक 306 प्रत्याशी विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत नहीं बचा पाए हैं।
इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, देवभूमि क्षत्रिय संगठन, माकपा के अलावा आजाद प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा और कांग्रेस के कई नेता विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से टिकट न मिलने के कारण इस बार आजाद प्रत्याशी रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में पार्टी से बागी हुए नेताओं ने चुनाव लड़ रहे पार्टी के नेताओं की दिक्कतें बढ़ा दी है। इस बार विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि कितने प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाते हैं। पिछले पांच दशक के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की बात करें तो, वर्ष 1972 के विधानसभा चुनाव में एक महिला सहित 165 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए।
वर्ष 1977 के विधानसभा चुनाव में दो महिलाओं सहित 183 लोगों की जमानत जब्त हुई है। इसके अलावा वर्ष 1982 के विधानसभा चुनाव में चार महिलाओं सहित 289 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। वर्ष 1990 के विस चुनाव में सबसे अधिक 306 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई, जिसमें 296 पुरुषों और 10 महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इसके अलावा वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में छह महिलाओं सहित 269 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। वर्ष 1998 के चुनाव में 15 महिलाओं सहित 212 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इसके अलावा वर्ष 2003 के विस चुनाव में 241 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई, जिसमें 225 पुरुष, 16 महिलाए शामिल हैं। 2007 के विस चुनाव में 14 महिलाओं सहित 187 प्रत्याश्यिों की जमानत जब्त हुई है। इसके अलावा वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 22 महिलाओं सहित 304 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है, जबकि 2017 के विस चुनाव में 11 महिलाओं सहित 197 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए हैं।