अखंड समाचार,शिमला (ब्यूरो) : विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही राजनीतिक दल अब सरकार बनाने के मंथन में हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा की स्थिति में ज्यादा फेरबदल की संभावना नहीं है। पार्टी सत्ता में लौटती है, तो जाहिर है मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही सीएम फेस के तौर पर सबसे बड़ा नाम होंगे। अगर कांग्रेस की बात करें तो पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बगैर चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने चुनावी जंग को कई कोणों में बांट दिया था। पार्टी हाईकमान ने प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ नेता प्रतिपक्ष अग्रिहोत्री और प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को जोड़ दिया था।
इस टीम में चौथा नाम सोलन से पूर्व मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल का जोड़ा गया। इसके अलावा श्रीनयनादेवी जी से पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर को चुनाव प्रबंधन समिति की कमान सौंपी गई थी। वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर भी कई मंचों से पर यह बोलते जरूर सुने गए कि वे भी मुख्यमंत्री हो सकते हैं। इनके साथ ही डलहौजी से आशा कुमारी भी कांग्रेस में बड़ा नाम है। भाजपा में मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तक जयराम ठाकुर ही हैं। जयराम ठाकुर सराज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां देर रात तक करीब 82.10 फीसदी मत पड़े हैं। कांग्रेस ने सराज में चेतराम ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सराज सीट पर 11 हजार 254 मतों से चुनाव जीता था।
हरोली को अग्रिहोत्री से उम्मीद
प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बाद दूसरे नंबर के नेता मुकेश अग्रिहोत्री हरोली से आते हैं। मुकेश अग्रिहोत्री प्रदेश में स्टार प्रचारक की भूमिका में भी थे, उन्होंने अलग-अलग सीटों पर प्रचार किया है। मुकेश अग्रिहोत्री की खुद की सीट पर उनकी बेटी ने प्रचार की कमान संभाल रखी थी। हरोली में इस बार करीब 78.13 प्रतिशत मतदान हुआ है। हरोली सीट की बात करें तो यहां मुकेश अग्रिहोत्री के सामने रामकुमार को मैदान में उतारा है।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी कतार में
कांग्रेस में प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सीट काफी अहम है। यहां के नतीजे प्रदेश में नया नेतृत्व दे सकते हैं। सुक्खू के पास भी कांग्रेस की तरफ से प्रचार की जिम्मेदारी थी और वे अलग-अलग विधानसभा में जाकर प्रचार कर रहे थे। नादौन की बात करें तो यहां 73.91 फीसदी मतदान हुआ है। वोटरों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है।
काम आएंगे रामलाल ठाकुर के आंसू
श्रीनयनादेवी जी से कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर भी चुनाव में आंसू बहाते नजर आए थे। कांग्रेस ने एक साथ कई नेताओं को दखल की इजाजत दे दी थी और वरिष्ठ नेता रामलाल इस बात से नाराज थे। हालांकि बाद में कांग्रेस हाईकमान ने हस्तक्षेप कर रामलाल ठाकुर को मनाया और वे पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरे और चुनाव लड़ा। यहां 82.10 फीसदी मतदान हुआ है।
कौल सिंह की दावेदारी का फैसला
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर इस दं्रग से चुनाव लड़ रह हैं। कौल सिंह ठाकुर कई मंचों पर सार्वजनिक तौर पर यह कहते सुने गए हैं कि कांग्रेस की सरकार बनती है, तो वे भी मुख्यमंत्री हो सकते हैं। इतना ही नहीं, हिमाचल मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी निभाने आई अलका लांबा मंडी में इस बात का ऐलान सार्वजनिक मंच से भी कर चुकी हैं। द्रंग की बात करें तो यहां करीब 79.27 फीसदी मतदान हुआ है।
कर्नल शांडिल चौथे नंबर के नेता
सोलन से कांग्रेस नेता कर्नल धनीराम शांडिल इस बार चुनाव घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष की बागडोर निभा रहे थे। प्रदेश में 17 सीटें आरक्षित हैं और इन सीटों को साधने की कोशिश में ही कर्नल धनी राम शांडिल को कांग्रेस ने चौथे नंबर के नेता का दर्जा दिया था। फिलहाल, कर्नल धनी राम शांडिल चुनाव जीत तो हैं, तो उन्हें कांग्रेस में अहम ओहदा मिलना तय है। इस सीट पर उनका मुकाबले अपने ही दामाद के साथ है।
विक्रमादित्य सिंह को भी उम्मीद
बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव उतरी कांग्रेस के पास सूची बेहद लंबी हो गई। यहां जिक्र विक्रमादित्य का भी जरूरी है। विक्रमादित्य की माता पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष हैं, जबकि अंतिम समय में उन्हें पिता पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के नाम का भी साथ मिला है। कांग्रेस चुनाव जीत गई तो विक्रमादित्य सिंह का कद जरूर बढ़ेगा। उनके समर्थक युवा मुख्यमंत्री की मांग अपने लगे हैं ।
डलहौजी में जगी आशा
कांग्रेस में महिला के नाते डलहौजी की मौजूदा विधायक आशा कुमारी भी दमदार चेहरा हैं। आशा कुमारी केंद्र में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं और लंबे समय से चुनाव जीतकर आती रही हैं। आशा कुमारी राजपूत महिला हैं। इस संयोग ने उनके कद को राजनीति में मजबूत कर दिया है। डलहौजी में इस बार करीब 75.97 फीसदी मतदान हुआ है। और उपनेता प्रतिपक्ष हर्षबर्धन चौहान की भी जरूरी है।