अखंड समाचार,नई दिल्ली (ब्यूरो) : दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार का शोर शुक्रवार शाम को थम गया। उम्मीदवारों ने जनसभाएं लोगों से समर्थन मांगा। हालांकि उम्मीदवार बिना किसी तामझाम के मतदाताओं से संपर्क साध सकते हैं। मगर चुनाव चिह्न और झंडा आदि गाड़ी पर लगा कर नहीं घूम सकेंगे। दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए रविवार चार दिसंबर को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती सात दिसंबर को होगी । इसे लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है।
निगम चुनाव में भी लोकसभा जैसी व्यवस्था
निगम चुनाव के इतिहास में यह तीसरा अवसर है जब मतदान के दिन से पहले उम्मीदवार प्रचार नहीं कर सकेंगे। वर्ष 1997, 2002 व 2007 के चुनाव में उम्मीदवार मतदान के पूर्व वाले दिन की शाम तक आम दिनों की भांति प्रचार कर सकते थे, लेकिन अब नियम बदल गया है। चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराने का हवाला देते हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव की भांति निगम में भी एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है।
राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक रविवार को सुबह आठ बजे से मतदान शुरू होगा। मतदान केंद्रों में शाम साढ़े पांच बजे तक प्रवेश किया जा सकेगा। जब तक तय समय में दाखिल हुए मतदाताओं का वोट नहीं पड़ जाते, मतदान जारी रहेगा। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार निगम चुनावों के मद्देनजर 13,638 मतदान केंद्र बनाए हैं। इनमें 68 विशेष पिंक (महिला बूथ ) और 68 ही आदर्श मतदान केंद्र हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्ट्रांग रूम (ईवीएम रखने का हाल) बनाया गया है। दिल्ली में 70 विधानसभा क्षेत्र हैं, तो ऐसे में स्ट्रांग रूम की संख्या भी लगभग इतनी ही है।
तीनों निगमों के एक होने के बाद यह पहला चुनाव है
तीनों निगमों के एक होने और वार्ड परिसीमन के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नगर निगम का यह पहला चुनाव है। भाजपा और ‘आप’ ने सभी 250 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस ने 247 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दिल्ली में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी सौ से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित की और पार्टी के वरिष्ठ नेता पुरी, गोयल तथा अनुराग ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए रोड शो किए।
‘आप’ खेमे से भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित तमाम पार्टी के नेताओं ने मतदाताओं को समझाने में एड़ी चोटी एक कर दी। दिल्ली पुलिस ने भी इस बाबत सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। राज्यों से लगी सीमाओं को सीमाएं सील कर दी गई हैं। चुनाव के मद्देनजर 40 हजार पुलिसकर्मी, 20 हजार होमगार्ड और 190 कंपनी अर्ध सैनिक बल तैनाती के अलावा यातायात, पीसीआर व अन्य यूनिट के 26 हजार कर्मियों को लगाया गया है।