श्री सिद्ध बाबा केशव नाथ जी (जठेरे) की अमर कथा

अखंड समाचार, जालंधर ( गोपाल महेंद्रू ) : इस दुनिया में समय समय पर अनेक अलौकिक ऋषि मुनि सिद्ध और तपस्वी इस पावन धरती पर हुए है। जिन्होंने न केवल अपना जीवन को प्रभु की लोह से ही सफल बनाया बल्कि अपने संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देकर उनको भी सीधा, सुगम एवं प्रभु भक्ति का सूंदर मार्ग सुझाया।
सिरसा के इलाके में दुर्भिक्ष आधी के कारण तथा रहन सहन की अनुकूलता यथाविधि न होने के कारण महेन्द्रू बाहरी बिरादरी के पूर्वज वह स्थल छोड़ कर अपने काफिले के रूप में बैलगाड़ियों पर सवार होकर पुरानी जरनैली सड़क से होते हुए फिरोज़पुर से कपूरथला तथा कपूरथला से आगे जालंधर की तरफ बढ़े एवं काफिले के नगर में प्रवेश करने से पहले उस स्थान पर रुके जो आजकल शेर सिंह कॉलोनी, बस्ती पीरदाद के नाम से विख्यात है। तथा महेन्द्रू बाहरी बिरादरी के पवित्र स्थान के तौर पर पूज्य है। बिरादरी के बुजुर्ग़ ने जिस मोहल्ले को आबाद किया वह आजकल महेन्द्रू मोहल्ला के नाम से प्रसिद्ध है।
इस सुसमृद्ध काफिले के साथ रिद्धियो – सिद्धियो के मालिक पूर्ण कर्मयोगी सिद्ध पुरुष महेन्द्रू बाहरी कुल के गुरुदेव सिद्ध श्री बाबा केशव नाथ जी भी पधारे थे। जो सदा ईश्वर भक्ति में लीन रहते थे। इनका तप तेज इतना था कि जो भी संपर्क में आता वह नतमस्तक हुए बिना न रहता, वाक्य सिद्धि इतनी महान थी कि जो शब्द मुख से निकलता वह पूरा हो कर ही रहता था। बाबा जी ने अपना आश्रम स्थापित किया और वही बैठ कर तपस्या की तथा मालिक की बंदगी में जीवन – यापन करने लगे। यूं तो प्रतिदिन ही वहाँ मेला-सा लगा रहता था। परन्तु प्रति वर्ष माघ शुदी दशमी के पुण्यः दिवस पर वहाँ विशेष दिन मनाया जाता है। आसपास के पीर-फ़क़ीर, साधु, संत, महात्मा, उस समय के ऋषिवर व तपस्वी भी यहाँ इकट्ठे होते थे तथा गृहस्थी परिवार भी यहाँ पर बाबा जी का प्रसाद प्राप्त करने के लिए दरबार में हाज़िर रहते थे। यूं तो हर मास की शुदी दशमी तिथि को ही विशेष तौर पर बिरादरी के सदस्य अपने नवजात शिशुयों के पेहनी (नया चोला धारण करने की रस्म) के लिए यहाँ आते परंतु माघ शुदी दशमी वाले दिन पेहनी का संस्कार करते। यह स्थान विशेष धार्मिक स्थान के नाते देश भर में प्रसिद्ध हो गया। वर्तमान में इस स्थान का पुनः जीर्णोद्धार हो रहा है। बुजुर्गो से सुना है कि इस स्थान पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वो अवश्य पूरी हो जाती है। पवित्र समाथि के स्थान के निकट एक प्रचीन कुआँ भी था। पवित्र समाथि के निर्माण काल में उसका पानी सूख गया था इसलिए उसे पूर (बंद) दिया गया था, पर उसी स्थान पर एक तालाब का निर्माण किया गया। जो लोग बाहर रहते है वे भी प्रथा के अनुसार पेहनी के वस्त्र बाबा जी के पवित्र जल से स्पर्श करके मंगवाते है तथा अपने-अपने नगर में और घरो में धार्मिक रीतिपूर्वक नवजात शिशुयों को पहनते है। जब पहली प्रबंधक कमेटी जिसके प्रधान श्री सुदर्शन लाल महेन्द्रू व बिरादरी सदस्यों ने भी पवित्र समाथि पर त्यौहार का दिवस माघ शुदी दशमी का ही निश्चित किया था, जो आज तक वैसे ही मनाया जाता है।


मन्दिर का विस्तार करने में प्रधान स्वर्गीयः श्री धर्म पाल महेन्द्रू, स्वर्गीयः एडवोकेट श्री डी. एन. बाहरी, स्वर्गीयः श्री रोशन लाल महेन्द्रू, स्वर्गीयः श्री शिव पाल महेन्द्रू, स्वर्गीयः श्री राम मूर्ति महेन्द्रू ने अपने बहुमूल्य सहयोग दिया।
वर्तमान प्रधान श्री अरुण बाहरी जी ने कहा कि हर वर्ष बाबा जी का वार्षिक मेला माघ शुद्ध दसवीं को बाबा जी के समाथि स्थल मंदिर श्री सिद्ध बाबा केशव नाथ जी (जठेरे) महेन्द्रू बाहरी बिरादरी सभा, शेर सिंह कॉलोनी, बस्ती पीरदाद रोड, जालंधर शहर में मनाया जाता है।
मेला चेयरमैन प्रवीण महेन्द्रू एवं राहुल बाहरी ने बताया कि इस वर्ष मन्दिर को भव्य स्वरूप दिया जा रहा। जिसमे देश से विशेष कारीगरों को बुला कर सुंदर निर्माण करवया गया। इस वर्ष बाबा जी का 60 वाँ वार्षिक मेला 31-01-2023 दिन मंगलवार को बाबा जी के पवित्र समाथि स्थल मंदिर श्री सिद्ध बाबा केशव नाथ जी (जठेरे) महेन्द्रू बाहरी बिरादरी सभा, शेर सिंह कॉलोनी, बस्ती पीरदाद रोड, जालंधर शहर में मनाया जायेगा। आप सभी से अनुरोध है कि आप सभी लोग अपने परिवार सहित मंदिर में माथा टेके एवंम बाबा जी का प्रशाद ग्रहण करे।
प्रस्तुति
पी आर ओ – दीपक महेन्द्रू
M : 9915230999

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