एजेंसियां — बंगलूर
कर्नाटक में लोकायुक्त ने भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार को 40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया है। प्रशांत की गिरफ्तारी पिता के बंगलूर स्थित कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के दफ्तर से हुई। लोकायुक्त ने जब दफ्तर और प्रशांत के घर पर छापा मारा, तो वहां नोटों के अंबार मिले। गिनने पर यह राशि करीब आठ करोड़ रुपए निकली। इसके बाद प्रशांत को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया गया है। साथ ही भाजपा विधायक को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा है। अब पुलिस विधायक से पूछताछ की तैयारी में जुटी है। उनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस टेंडर के मामले में बेटे ने घूस ली, उसमें मैं शामिल नहीं हूं। वीरुपक्षप्पा के इस्तीफे से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि लोकायुक्त को दोबारा शुरू करने का मकसद राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करना था। दोषियों पर सख्त कार्रवाईकी जाएगी। लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी, जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी। शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रशांत को रंगे हाथ पकडऩे के लिए योजना बनाई। अधिकारी ने बताया कि केएसडीएल के चेयरमैन और भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्पा ओर से यह रकम ली गई है। ऐसे में रिश्वत लेने के इस मामले में पिता और पुत्र दोनों आरोपी हैं। उधर, प्रशांत के पिता वीरुपक्षप्पा कर्नाटक के दावणगेरे जिला के चन्नागिरी से विधायक हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी मुझे मीडिया के जरिए मिली। इस बारे में मैंने अपने बेटे से बात नहीं की है, क्योंकि वह अब लोकायुक्त की कस्टडी में है। मैं किसी टेंडर में शामिल नहीं हूं।