अखंड समाचार — नई दिल्ली (ब्यूरो) :
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पोस्ट में न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की गुरुवार को जमकर खिंचाई की और उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि यह देखते हुए कि ललित मोदी कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं, यह उनके द्वारा दायर जवाबी हलफनामे से संतुष्ट नहीं है। शीर्ष अदालत ने पूर्व-आईपीएल आयुक्त को सोशल मीडिया और प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी माफी मांगने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने उन्हें माफी मांगने से पहले एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया और कहा कि भविष्य में ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जाएगी, जो भारतीय न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने के लिए दूर-दूर तक समान हो। इससे पहले ललित मोदी ने बुधवार को एक ट्वीट किया था कि केवल यह स्पष्ट करने के लिए कि ये दलाल झूठ फैलाकर भारत और इसकी न्यायपालिका को बदनाम करते हैं। वे दिखावे के अलावा और कुछ नहीं कर सकते और फिक्सिंग के लिए पैसे की मांग करते हैं।
आरएसएस को रूट मार्च निकालने की अनुमति
चेन्नई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तमिलनाडु में रूट मार्च (पथ संचलन) निकाल सकेगा। उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार रखा और राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। तमिलनाडु पुलिस ने शीर्ष के आदेश के दो दिन बाद गुरुवार को आरएसएस को 16 अप्रैल को राज्य में रूट मार्च की अनुमति दे दी। पुलिस ने शीर्ष अदालत के आदेश की पालना में आरएसएस को शहर में 45 स्थानों पर रूट मार्च निकाने की अनुमति दी।