अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) :
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को कांग्रेस ने एक ही दिन में दो झटके दिए हैं। दिल्ली में प्रशासन चलाने को लेकर आए केंद्र सरकार के अध्यादेश पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का साथ देने से इनकार किया है। यही नहीं 2024 के आम चुनाव में भी उसके साथ गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली और पंजाब के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में चर्चा की गई कि कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का समर्थन करना चाहिए या नहीं। कांग्रेस नेताओं ने बैठक में उनसे अध्यादेश पर आप का साथ नहीं की बात कही है। दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं की बैठक में दिल्ली के नेताओं ने एकसुर में उनसे कहा कि दिल्ली में ‘आप’ से कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए। पार्टी नेताओं ने उनसे यह भी कहा कि दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर पार्टी को अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े नहीं दिखना चाहिए। हालांकि, नेताओं ने अंतिम निर्णय लेने के लिए इसे आलाकमान पर छोड़ दिया है।
उधर, दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी के साथ मीटिंग के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी संग गठबंधन की संभावनाओं को नकार दिया। पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सिद्धू ने कहा कि यदि हमारे बीच वैचारिक मतभेद हैं, तो फिर गठबंधन नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है, जिसके नेता अरविंद केजरीवाल अपने लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका देखते रहे हैं। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से दूरी रखने के संकेत कर्नाटक चुनाव के बाद भी दिए थे, जब उसने तमाम विपक्षी दलों को सिद्धारमैया की शपथ में बुलाया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल को न्योता नहीं मिला था। यही नहीं इससे पहले भी विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस ने जब भी मीटिंग्स बुलाईं, तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी को दूर ही रखा था। यही नहीं अरविंद केजरीवाल ने खुद ही आगे बढक़र कांग्रेस से दिल्ली के लिए आए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ मदद मांगी थी।