अखंड समाचार , चंडीगढ़ (ब्यूरो) : चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा सैल की ओर से शहर में बिकने वाली सब्जियों और फलों में लेड (सीसा) का स्तर मात्रा से अधिक पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा सैल की ओर से सेक्टर-26 की सब्जी और फल मंडी से लिए गए नमूनों की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। नमूनों की जांच इंटरस्टेलर टेस्टिंग सेंटर (आईटीसी) प्राइवेट लिमिटेड पंचकूला और पंजाब बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर पीपीटीआई कृषि एवं खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला मोहाली में हुई। जानकारी के अनुसार इस जांच के दौरान सेक्टर-26 की मंडी से लिए गए नमूनों में से शिमला मिर्च, करेला, मटर और मौसमी में लेड पाया गया है। मंडी में शिमला मिर्च हिमाचल से, करेला उत्तर प्रदेश, पंजाब व हिमाचल से, मटर लाहुल स्पीति, श्रीनगर व जम्मू-कश्मीर से और मौसमी की आवक दिल्ली से हो रही है। फलों व सब्जियों में लेड जैसे घातक रासायनिक तत्त्व की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। चंडीगढ़ की सब्जी मंडी में सब्जियों और फलों के नमूने लिए जा रहे है और यह क्रम पिछले दो दिन से जारी है।
जानकारी के अनुसार अब तक सब्जिय़ों के लगभग 60 नमूने लिए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में हानिकारक तत्त्वों वाले फलों और सब्जियों की आपूर्ति करने वाले प्रदेशों को भी इसकी सूचना दी जाएगी। बता दें कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मुताबिक खाद्य पदार्थों में लेड (सीसा) की अधिकतम मात्रा 2.5 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर इससे अधिक है तो खतरनाक की श्रेणी में आता है। वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर व आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमणीक सिंह बेदी का कहना है कि यदि मानव रक्त में 80 माइक्रोग्राम या उससे ज्यादा सीसा (लेड) मौजूद हो तो बेचैनी] दौरे की समस्या होने के साथ मौत तक का खतरा बढ़ जाता है। इससे कम सीसा की मौजूदगी भी मानव स्वास्थ्य, खासकर गुर्दे और खून के कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है।
शिमला मिर्च-करेला व मटर में लेड ज्यादा, चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल की करवाई जांच