एजेंसियां — मुंबई
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के एक पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण का दावा है कि अजित पवार ने अपने चाचा को मोदी सरकार में मंत्री पद दिलाने का ऑफर दिया था। इस दावे के बाद से महाराष्ट्र की सियासत में कयासों का दौर फिर से तेज हो गया है। इसी बीच शरद पवार ने कहा कि मंत्रीपद की पेशकश की बातों में सच्चाई नहीं है। अजित पवार से राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। भाजपा राज्य सरकारों को अस्थिर करने का काम कर रही है। मैं बीजेपी और उनके साथियों से लडऩे की रणनीति बना रहा हूं। इंडिया की अगली बैठक मुंबई में होगी। इस बैठक की सफलता के लिए तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी और उनके साथी समय के विपरीत काम कर रहे हैं। भाजपा लोगों को धर्म-संप्रदाय के आधार पर बांट रही है। उनका विभाजन दिवस मनाने का फैसला गलत था। रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व सीएम ने दावा किया कि शरद पवार को अजित पवार की ओर से दो ऑफर मिले थे। अजित पवार ने अपने चाचा को ऑफर दिया था कि यदि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ आते हैं तो उन्हें केंद्र सरकार में कृषि मंत्री या फिर नीति आयोग के चेयरपर्सन का पद दिलाया जा सकता है। वहीं उनकी बेटी सुप्रिया सुले और राज्य के अध्यक्ष जयंत पाटिल को भी केंद्र और राज्य सरकार में शामिल किया जा सकता है। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि शरद पवार ने इन दोनों ऑफर्स को खारिज कर दिया और किसी भी स्थिति में भाजपा के साथ न जाने की बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री का दावा था कि यह ऑफर शरद पवार को शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के घर पर हुई भतीजे के साथ मीटिंग में मिला था। इस बैठक में अजित पवार ने उन्हें एक बार फिर से भाजपा के साथ आने के लिए राजी करने की कोशिश की। भतीजे अजित पवार से दिग्गज नेता की एक बार फिर से सीक्रेट मीटिंग को लेकर महाविकास अघाड़ी में भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण भी इस मीटिंग को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। कांग्रेस और सेना दोनों ने ही कहा कि शरद पवार का भतीजे से लगातार गुपचुप मिलते रहना गलत है। इससे खराब संदेश जा रहा है।
सुप्रिया सुले ने तमाम अटकलों लगाया विराम
एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बुधवार को तमाम ऐसी अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया कि भाजपा ने उन्हें सरकार में कैबिनेट पद की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि किसी ने मुझे कुछ भी ऑफर नहीं किया और न ही मुझसे कोई बातचीत की। आपको उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं) से पूछना चाहिए कि वे ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं। मुझे पता नहीं है। मैं व्यक्तिगत रूप से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खडग़े, गौरव गोगोई जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हूं, लेकिन मैं महाराष्ट्र में उनके नेताओं के संपर्क में नहीं हूं।