अलग गुट बनाने के लिए लोजपा के 5 बागी सांसदों ने लिखी लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी, JDU के पाले में जाने की अटकलें तेज

पटना : बिहार की राजनीति में रविवार को उस वक्‍त बड़ा नाटकीय मोड़ आ गया जब चिराग को छोड़कर लोक जनशक्ति पार्टी के छह में से बाकी सभी पांच सांसदों ने बगावत कर दी। चिराग पासवान से नाराज इन सांसदों ने लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्‍होंने अपने गुट को अलग मान्‍यता देने की मांग की है। इन सांसदों ने चिराग के चाचा पशुपति पारस को ही अपना नेता बनाया है। कहा जा रहा है कि अलग गुट बनाकर ये सांसद जदयू के पाले में जा सकते हैं। बगावत करने वाले सांसदों में चिराग के चाचा पशपति पारस पासवान के अलावा चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह , महबूब अली केशर और वीणा देवी शामिल हैं।

सबसे बड़े सियासी संकट से जूझ रही लोजपा 
लोक जनशक्ति पार्टी अभी तक के अपने सबसे बड़े सियासी संकट से जूझ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला लेने के समय से ही सीएम नीतीश कुमार और जदयू के लोग चिराग से नाराज चल रहे थे। चुनावी नतीजों के बाद जद यू को साफ दिखा कि चिराग की पार्टी की वजह से उन्‍हें कई जगहों पर नुकसान का सामना करना पड़ा। उधर, विधानसभा चुनाव में लोजपा को सिर्फ एक सीट मिली। इतने खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के अंदर चिराग पासवान के खिलाफ नाराजगी बढ़ने लगी। अब उस नाराजगी को मूर्त रूप मिल रहा है।

वैसे बिहार के राजनीतिक गलियारों में इसे चिराग के चाचा पशुपति पारस की राजनीतिक महत्‍वाकांक्षा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कुछ लोग केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्‍तार को लेकर भी अटकलें लगा रहे हैं। बहरहाल, तस्‍वीर फिलहाल धुंधली है जिसे सोमवार को खुद पशुपति पारस पासवान मीडिया से रूबरू होकर इसे साफ कर सकते हैं।

बताया जा रहा है कि लोजपा में बगावत की ये पटकथा पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ही लिखी जानी थी। पशुपति पारस पासवान की अगुवाई में बगावत की खबर बाहर भी आ गई थी लेकिन हल्‍ला मचा तो उन्‍होंने अपने लेटर हेड पर इसका खंडन कर दिया था। लोजपा में उस वक्‍त जो फूट होने से बच गई थी वो अब सामने आ गई है। सांसदों को सही वक्‍त का इंतजार था और अब शायद उन्‍हें लगा कि सही वक्‍त आ गया है। मौका मिलते ही उन्‍होंने चिराग पासवान को बीच राजनीतिक मझधार में छोड़ दिया।

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