तेजस्‍वी का ऑफर ठुकराया, बिहार में अकेले लड़ेंगे चुनाव : चिराग पासवान

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में टूट और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का साथ नहीं मिलने से चिराग पासवान (Chirag Paswan) अब राजनीतिक अखाड़े में नए अंदाज में दिखेंगे। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चिराग को भाई बताते हुए महागठबंधन (Mahagathbandhan) में शामिल होने का आफर दिया है, लेकिन चिराग ने इसपर चुप्पी साध ली है। चिराग के करीबी और एलजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अशरफ अंसारी के मुताबिक चिराग पासवान का स्पष्ट का मानना है कि अब किसी गठबंधन (Alliance) में जाने से बेहतर है कि राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों (Bihar Assembly Seats) पर चुनाव की अभी से तैयारी शुरू कर दी जाए।

तेजस्वी के आफर को नहीं देंगे तवज्जो, करेंगे आशीर्वाद यात्रा

अशरफ अंसारी ने दिल्ली से दूरभाष पर बताया कि चिराग पासवान फिलहाल तेजस्वी यादव के किसी ऑफर को तवज्जो नहीं देंगे। वे अभी आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। पांच जुलाई को रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की जयंती पर हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से आशीर्वाद यात्रा निकाली जानी है। यह यात्रा उनके राजनीतिक जीवन के लिए फिलहाल बेहद जरूरी हो गई है।

बीजेपी की चुप्पी परेशान, पीएम मोदी से मध्यस्थता की उम्मीद

यहां बता दें कि एलजेपी में टूट होने पर बीजेपी का साथ नहीं मिलने पर चिराग ने कहा है कि खामोशी से हनुमान का वध राम को देखना शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने हमेशा से बीजेपी का साथ दिया है, लेकिन आज जब हम मुश्किल में है तो बीजेपी के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। चिराग पासवान ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मध्यस्थता की उम्मीद है। विश्वास है कि प्रधानमंत्री जल्द ही इस मामले (एलजेपी की टूट) में हस्तक्षेप कर सब कुछ सही करेंगे।

एलजेपी दो-फाड़, दोनों गुटों ने किया है पार्टी पर दावा

विदित हो कि एलजेपी के छह में से पांच सासंदों ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) के नेतृत्‍व में चिराग को संसदीय दल के नेता तथा पार्टी अध्‍यक्ष के पदों से हटाने की घोषणा की है। उधर, चिराग पासवान ने भी उन्‍हें पार्टी से निकाल दिया है। एलजेपी के दोनों गुट पार्टी पर दावा कर रहे है।

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