भाजपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए मुकुल राय को पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनाने की ममता बनर्जी की जिद ने राज्य में सांविधानिक संकट उत्पन्न कर दिया है।
मुकुल राय का नाम पीएसी के लिए निर्विरोध चुने गए सदस्यों में शामिल है। भाजपा विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसे अनैतिक कदम बताया है क्योंकि उन्होंने पहले ही दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल राय की सदस्यता खारिज करने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को दे दिया था।
भाजपा प्रख्यात अर्थशास्त्री अशोक लाहिरी को पीएसी का अध्यक्ष बनाना चाहती है। परंपरागत रूप से पीएसी का अध्यक्ष विपक्ष के किसी नेता को ही दिया जाता है। लेकिन ममता बनर्जी इस पद पर मुकुल राय को आसीन करना चाहती हैं जबकि राय भाजपा छोड़कर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि किसी भी कमेटी के अध्यक्ष की नियुक्त विधानसभा अध्यक्ष करता है। वह जिसे चाहे इस पद पर नियुक्त कर सकता है। उनके विशेषाधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती। वैसे भी भाजपा की ओर से इस पद के लिए मुकुल, शुभेंदु और लाहिरी समेत छह विधायकों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।