जल प्रबन्धन को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सरकार अब इस क्षेत्र में और अधिक धन खर्च करेगी। अटल भूजल योजना को प्रदेश के हर जिले में लागू करने के लिए धन की कमी आड़े आने के बाद सरकार ने यह लिया फैसला है। इसके लिए आने वाले लेखा अनुदान में इसका प्रावधान किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में उत्तर प्रदेश अटल भूजल योजना के नाम से शुरू इस योजना का क्रियान्वयन आसानी से हो सके। पानी की बर्बादी रोकने व भूजल संचयन के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के 10 जिलों में अटल भूजल योजना लागू की गई थी। ये जिले थे बुन्देलखण्ड के झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट तथा महोबा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर तथा शामली।
जन सहभागिता के माध्यम से लागू इस योजना के बेहतर परिणाम से उत्साहित राज्य सरकार ने योजना को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने का निर्णय किया और उसे सभी जिलों में चलाने के निर्देश जारी कर दिए लेकिन इसमें धन की कमी आड़े आने लगी है। कई जिलों में योजना के कार्य बाधित होने लगे। ऐसे में अतिरिक्त रूप से धन की जरूरत पड़ी जिसकी व्यवस्था सरकार अनुपूरक बजट के माध्यम से करने जा रही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि भूजल रिचार्ज से लेकर पानी की बर्बादी रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने गांवों में किसानों व ग्राम प्रधान के सहयोग से यह योजना लागू की थी ताकि योजना अपने उद्देश्य में सफल हो सके।