राज्य कर्मियों को चाइल्ड केयर लीव नहीं देगी हिमाचल सरकार

हिमाचल प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को अव्यस्क बच्चों की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव देने पर कोई विचार नहीं रखती। मुख्यमंत्री जयराम ने विधायक आईडी लखनपाल के सवाल के जवाब में बताया कि सरकारी कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव व सरकार पर अतिरिक्त भारी वित्तीय बोझ के चलते केंद्र सरकार की इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू नहीं किया गया है।

तीन साल में दर्ज हुए चिट्टे के 1600 मामले
प्रदेश पुलिस ने 1 जुलाई 2018 से 30 जुलाई 2021 के बीच प्रदेश में चिट्टे के सोलह सौ मामले दर्ज किए हैं। इस दौरान 2515 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 28.933 किलो ग्राम चिट्टा भी बरामद किया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि चिट्टे में सम्मिलित व्यक्तियों के कुल 1465 मामले अदालत भेजे गए हैं। 14 मामलों में सजा हो चुकी है।

हिमाचल के 26 वन मंडलों में ज्यादा होती हैं आग की घटनाएं
प्रदेश के 26 वन मंडलों में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं। इन जगहों पर मोटर पंप, पाइप और पानी के टैंक से युक्त एक-एक गाड़ी उपलब्ध कराई गई है। यह जानकारी वन मंत्री ने विधायक आईडी लखनपाल के सवाल के लिखित जवाब में दी है। बताया कि सरकार वनों को जंगलों की आग से बचाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। चीड़ के जंगलों में सूखी पत्तियां आग लगने का प्रमुख कारण होती हैं। इन्हें इकट्ठा करने और वन भूमि से हटाने के लिए सरकार ने नीति बनाई है।

इसमें उद्योग लगाने पर पूंजी निवेश पर पचास फीसदी या अधिकतम 50 लाख के अनुदान का प्रावधान है। इसमें ईंधन की ब्रिकेट्स बनाने की पांच इकाइयां हमीरपुर और मंडी में स्थापित की हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के राज्य व जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों से आग की सूचनाओं को सरकार से पहुंचाने के लिए जोड़ा गया है। कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं और बच्चों व लोगों को जागरूक किया जाता है। वनों को आग से बचाने के लिए कैंपा व अन्य योजनाओं के जरिये राशि खर्च की जाती है। चालू वित्त वर्ष में अब तक 636 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

पांच साल में की गई 7303 गुमशुदा लोगों की तलाश 
शिमला। पुलिस ने बीते 5 वर्षों में 7303 गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश की है। इनमें 4874 महिलाएं और 2429 पुरुष शामिल हैं। इन्हें उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी विधायक नंद लाल की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दी। विधायक नंद लाल ने कहा कि रामपुर पुलिस चौकी के तहत लापता सुरेश कुमार का एक सप्ताह बाद भी सुराग नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने मूल प्रस्ताव के जवाब में कहा कि गुमशुदा सुरेश कुमार की तलाश जारी है। गुमशुदगी की रिपोर्ट 30 जुलाई को रामपुर पुलिस चौकी में दर्ज हुई थी। इसके बाद पुलिस ने इसकी तलाश शुरू की है। अंतिम लोकेशन जगातखाना में पाई गई थी। पुलिस इस क्षेत्र में उसकी खोज पर ध्यान केंद्रित किए है।

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