पीएम नरेंद्र मोदी के सामने रखे गए यूपी चुनाव से पहले आए तीन सर्वे के नतीजे

अगले साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव होने को हैं। इन चुनावों में भाजपा, सपा सहित अधिकांश पार्टियां अपना दमखम दिखाने की कोशिशों में जुटी हुई है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा राज्यभर में चुनावी सर्वे भी कराया जा रहा है ताकि मौजूदा स्थिति का आकलन लगाया जा सके। ऐसे ही उत्तरप्रदेश चुनाव से पूर्व कराए गए तीन सर्वे के नतीजे जब प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखे गए तो वे काफी भड़क गए।

द इंडियन एक्सप्रेस के इनसाइड ट्रैक में छपे कूमी कपूर के लेख के अनुसार जब उत्तरप्रदेश चुनाव से पूर्व कराए गए तीन सर्वे के नतीजे प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखे गए तो वे भड़क उठे। तीनों सर्वे एक दूसरे से काफी अलग थे। प्रधानमंत्री मोदी को लगा कि भाजपा इन सर्वे पर व्यर्थ में अपना पैसा खर्च कर रही है। हालांकि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह विश्वास दिलाया कि पार्टी आगामी चुनाव जीत रही है।

आमतौर पर उत्तरप्रदेश में ब्राह्मण मतदाता मतदान को लेकर अपनी प्राथमिकताएं तय करने में सबसे मुखर हैं। ब्राह्मण मतदाता अपने वास्तविक संख्या की तुलना में वोटर ट्रेंड्स को ज्यादा प्रभावित करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से उत्तरप्रदेश के ब्राह्मण मतदाता ठाकुर समुदाय को ज्यादा तवज्जो देने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराज चल रहे हैं और इस समुदाय ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

हालांकि भाजपा विरोधी मतदाता चाहे किसान हों, अल्पसंख्यक हों या यादव इन दिनों सबसे ज्यादा मुखर दिखाई दे रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है कि अंतत पत्ते नहीं खोलने वाले समुदाय के मतदाता ही चुनाव परिणाम तय करेंगे। इसी कड़ी में योगी आदित्यनाथ ने इस साल मई से लोगों को अनाज से लेकर खाना पकाने के तेल तक और बीपीएल श्रेणी के लोगों के लिए एकमुश्त 1,000 रुपये जैसे कई लाभ दिए हैं।

बता दें कि पिछले दिनों आए एबीपी-सीवोटर सर्वे के नतीजे में बीजेपी को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में 100 सीटों का नुकसान होने की बात कही गई। सर्वे के नतीजे में बताया गया कि भाजपा इस बार 213-221 सीटें लाने के साथ दोबारा से सरकार में वापसी कर सकती है। वहीं सर्वे में समाजवादी पार्टी को 152-160 सीटें दी गई। जबकि सर्वे के अनुसार आगामी विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 16-20 और कांग्रेस को 6-10 सीटें मिलने की उम्मीद है।

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