अखंड समाचार, मॉस्को (ब्यूरो) : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पहली बार रूस ने पश्चिम के प्रतिबंधों के बीच बड़ा कदम उठाया है। रूस ने यूक्रेन मुद्दे पर उसका विरोध कर रहे पोलैंड और बुल्गारिया को गैस सप्लाई न देने की धमकी दी है। रूस की गैस कंपनी ने गजप्रोम ने पोलैंड और बुल्गारिया से कहा है कि वह गैस की सप्लाई रोक देगी। रूस प्रमुख देश है जो यूरोप को गैस की सप्लाई करता है।
यूरोपीय देश, रूस से बड़ी मात्रा में गैस का आयात करते हैं। 40 फीसदी जरूरतें रूस के जरिए पूरी होती हैं। बिजली, घरों को गर्म करने और ईंधन उद्योग के लिए बड़ी मात्रा में रूसी प्राकृतिक गैस का आयात किया जाता है। दो महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध के बावजूद यूरोप के देशों का रूस से आयात जारी है। यूरोपीय देश 60 प्रतिशत आयात राशि का भुगतान यूरो में और शेष डॉलर में करते हैं। आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे पुतिन रूबल में लेन-देन कर करेंसी को मजबूत करना चाहते हैं।
यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों की तरफ से रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसी वजह से रूस की मुद्रा रूबल कमजोर हो गई है। ऐसे में रूस ने गैस की सप्लाई की एवज में रूबल में पेमेंट करने की मांग रखी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मांग है कि जिन देशों को वह दोस्त नहीं मानते, वे एक ऐसी योजना के लिए सहमत हों जिसके तहत वे गज़प्रॉमबैंक में खाते खोलें।
पोलैंड की कंपनी ने पिछले साल गज़प्रोम के साथ अपने गैस ट्रांजिट सौदे का विस्तार नहीं किया था। तब से, रूसी गैस प्रोवाइडर को बेलारूस से पोलैंड तक यमल-यूरोप पाइपलाइन के माध्यम से पाइपलाइन क्षमता के लिए नीलामी में हिस्सा लेना पड़ा था। पोलैंड की कंपनी का रूसी कंपनी गज़प्रोम के साथ 10.2 बिलियन क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष का कॉन्ट्रेक्ट है। यह पोलैंड की राष्ट्रीय खपत का लगभग 50% है।
इसके बाद ऐसे देश यूरो या डॉलर में रूसी गैस आयात के लिए पेमेंट करेंगे, जो रूबल में परिवर्तित हो जाएंगे. ऐसे में रूस का विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत हो जाएगा. पिछले हफ्ते, यूरोपीय कमिशन ने कहा था कि यूरोपीय संघ की कंपनियां प्रतिबंधों का उल्लंघन किए बिना रूबल में गैस भुगतान लेने की रूस की मांग पर सहमत हो सकती हैं।