बेटे को राष्ट्रीय स्तर पर जरूर ले जाऊंगा, भले ही उसे भीख मांगनी पड़े

अखंड समाचार, गुरदासपुर (सुभाष सहगल) : गरीब आदमी सपने देखता है लेकिन सपने उसके सच होते हैं जो जीवन में संघर्ष करता है उसने बलबीर के सपनों को छुपा कर रखा क्योंकि बलबीर एक अच्छा हॉकी खिलाड़ी था लेकिन गरीबी ने उसे उठने नहीं दिया और अब उसने अपने बच्चे में यह सपना देखा।

आज से डेढ़ साल पहले एक बच्चे को मैदान में हॉकी खेलते देख भारतीय खिलाड़ी जीत सिंह ने हॉकी का तोहफा दिया था, लेकिन अब आप उस हॉकी के हालात देख सकते हैं।

गरीबी ने सपने को दफन कर दिया लेकिन अब मैं अपने बेटे को राष्ट्रीय स्तर पर जरूर ले जाऊंगा, भले ही उसे भीख मांगनी पड़े।

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