हर‍ियाणा में बीजेपी को उखाड़ने के ल‍िए ओम प्रकाश चौटाला ने बनाया प्‍लान ; पढ़े

अखंड समाचार, हर‍ियाणा (ब्यूरो) : कुछ अरसा पहले का वाकया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला के साथ सही के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक ने एक राजनीतिज्ञ की शान में कसीदे पढ़े थे। वजह ये थी कि तिहाड़ जेल में रहते हुए 87 की उम्र में हरियाणा के सीएम रहे ओम प्रकाश चौटाला ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की थी। काम वाकई तारीफ के काबिल था, क्योंकि 87 की उम्र में ऐसा करना आसान नहीं होता। वो भी तब जब शरीर साथ न दे रहा हो। लेकिन ओम प्रकाश चौटाला को एक ऐसा नेता माना जाता है जिसका जज्बा हमेशा आसमान को छूने वाला ही रहा है।

झटके लगना उनके जीवन की कहानी है लेकिन जिद्दी चौटाला ने कभी भी हार नहीं मानी। लेकिन बढ़ा झटका तब लगा जब ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला के अलावा 55 लोगों को जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिया गया। उनको जेल जाना पड़ा। वो बेटे के साथ तिहाड़ में रहे। माना गया कि अब वो खत्म हो गए। लेकिन चौटाला ने सजा पूरी की और जेल से बाहर आकर फिर से राजनीति की बिसात पर मोहरे चलाने शुरू किए।

हालांकि उनके लिए ये काम उतना आसान नहीं था, क्योंकि इंडियन नेशनल लोकदल दो फाड़ हो चुकी थी। बेटे अजय ने अपने बेटे दुष्यंत के साथ जेजेपी का गठन करके अलग राह बना ली थी। वो पिता का दामन छोड़ चुके थे। असेंबली के चुनाव हुए तो लोगों की निगाह इस बात पर टिकी थी कि कौन सा धड़ा लोगों के दिल में जगह बना पाता है।
चौटाला की पार्टी को केवल एक सीट मिली। उनके छोटे बेटे अभय चौटाला ने एलनाबाद से चुनाव जीता। बाकी सारे प्रत्याशी धाराशाई हो गए। जबकि जेजेपी ने 10 से ज्यादा विधायक जिताकर गठबंधन सरकारस बना ली और दुष्यंत डिप्टी सीएम बन गए। सरकार में शरीक होने का फायदा मिला। अजय पैरोल पर जेल से बाहर आ गए लेकिन उम्र ज्यादा होने के बावजूद बढ़े चौटाला को पूरी सजा काटनी पड़ गई।
लेकिन इससे भी ओम प्रकाश चौटाला का हौसला नहीं डिगा। वो सजा पूरी करने के बाद बाहर आए और फिर से पंचायतों का दौर शुरू किया। समय ने फिर से झटका दिया और चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दे दिया। वो फिर से जेल गए। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली और वो फिलहाल जेल से बाहर आ चुके हैं।
बेशक उकी उम्र साथ नहीं दे रही लेकिन चौटाला फिर से राजनीति की बिसात पर मौहरों को आगे बढ़ाने का जज्बा नहीं छोड़ पा रहे हैं। पहले सीएम थे तो पिता देवी लाल की जयंती पर वो हरियाणा की किसी जगह पर मेगा रैली करते थे। उसमें चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, प्रकाश सिंह बादल, उमा भारती जैसे नेता अक्सर अपनी हाजिरी दर्ज कराते थे। तब ये माना जाता था कि रैली के जरिये चौटाला केंद्रीय राजनीति को ताकत दिखा रहे हैं।
चौटाला के बारे में एक बात मशहूर है कि वो जिससे रार ठान लेते हैं उसे नेस्तनाबूद करके ही दम लेते हैं। उनके सीएम रहते कई लोग उनकी इस जिद का शिकार भी बने। अब उनका गुस्सा बीजेपी के ऊपर है। बीजेपी को सत्ता से उखाड़ने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। 25 सितंबर को उनके पिता देवी लाल की रैली होती है। वो इस मौके पर ताकत दिखाने की कोशिश में हैं।

ध्यान रहे कि देवीलाल ही वो शख्स थे जिन्होंने 1989 में कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने में वीपी सिंह की मदद की थी। तब उनका नाम प्रधानमंत्री के लिए भी प्रस्तावित किया गया। लेकिन उन्होंने इन्कार कर डिप्टी पीएम का पद ही स्वीकार किय़ा था।

पिता की जयंती पर चौटाला बीजेपी के धुर विरोधियों को एक मंच देने की कोशिश में हैं। उनका प्रयास रहेगा कि 25 सितंबर को हरियाणा के फतेहाबाद में नीतीश, लालू, फारुख, बादल, मुलायम जैसे दिग्गजों को एक साथ बिठा सकें। हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कौन कौन से नेता चौटाला के साथ सितंबर में मंच साझा करते हैं। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि चौटाला खुद को मजबूत करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। बेशक उम्र का आंकड़ा उनका साथ नहीं दे रहा पर जज्बा तो पहले जैसा ही है।

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