रात को नींद न आना हो सकता है डायबिटीज का लक्षण। जानिए रात को नींद न आने के कारण — डॉ अर्चिता महाजन।

अखंड समाचार, बटाला : कई लोगों को सोने से पहले कुछ खाने की आदत होती है। अगर आप रात के खाने के बाद कॉफी या चाय पीना पसंद करते हैं।तो इससे आपकी नीद पर असर पड़ सकता है। क्योंकि चाय और कॉफी में कैफीन होता है। जो एक उत्तेजक पदार्थ है। ये आपको जगाए रखता है। इसके अलावा सोने से कुछ घंटे पहले खाने से भी एसिड रिफ्लक्स होता है और इससे भी आपकी नींद प्रभावित होती है।
रात में 10 बजे तक सो जाना चाहिए। अगर कोई जरूरी काम है तो ही देर रात जागना चाहिए। जल्दी सोने के लिए फोन और लैपटॉप को खुद के दूर रखें। कोशिश करें कि सोने से 2 घंटे पहले तक इन गैजेट्स का इस्तेमाल न करें. रात को सोने से पहले कम से कम आधा घंटा या एक घंटा टहलें। इससे आपके शरीर को रिलैक्स मिलेगा और अच्छी नींद आएगी। ज्यादा फोन चलाने से भी नींद की समस्या हो सकती है।
विटामिन बी-6 से होता है इंसोम्निया
मीठी नींद के लिए मेलाटोनिन और सेरोटोनिन हार्मोन जरूरी होते हैं। इन दोनों हार्मोन्स की कमी विटामिन बी 6 की वजह से होती है। यदि शरीर में इन दोनों हार्मोन्स की कमी हो जाए तो इंसोम्निया की समस्या हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए विटामिन बी 6 से भरपूर फूड्स खाने चाहिए। विटामिन बी 6 की पूर्ति के लिए चिकन, मूंगफली, अंडा, दूध, सैल्मन मछली, हरी मटर और गाजर का सेवन किया जा सकता है।
हार्मोनल डिसबैलेंस-हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण भी आपको सोते समय बेचैनी हो सकती है। खासकर कि महिलाओं में दरअसल, गर्भावस्था से लेकर रजोनिवृत्ति तक, महिलाओं के हार्मोन नींद की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके कारण महिलाओं को रात को पसीना, पेशाब आना और नींद ना आने की समस्या होती है। ये गड़बड़ी अक्सर रात के पहले पहर में होती है जब महिलाएं सोने की कोशिश कर रही होती हैं।
बता दें कि विटामिन डी की कमी शारीरिक और मानसिक थकावट का कारण बन सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, शरीर में विटामिन डी का लो लेवल इंसोम्निया (Insomnia) या स्लीप पैटर्न बिगड़ने का कारण भी बन सकता है।
जब शरीर इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाती है तो इंसुलिन रेजिस्टेंस की कंडीशन होने लगती है और ग्लूकोज ट्रांसफर रुक जाता है। यही वजह है कि ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। इस बढ़ी हुई मात्रा की वजह से इनसोम्निया जैसी नींद न आने की परेशानी हो सकती है।
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डायटिशियन एंड चाइल्ड केयर ट्रेन योगा टीचर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट।

 

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