इस केस में ऑफिशियल सीक्रेसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अब कितने समय से यह शख्स वित्त मंत्रालय के साथ काम कर रहा था, किस प्रकार की जानकारी इसने दूसरे मुल्कों को दी, इसकी तरफ से कौन-कौन से देश तक खुफिया जानकारी दी गई, अभी कुछ भी सामने नहीं आया है। मामला क्योंकि वित्त मंत्रालय से जुड़ा हुआ है, ऐसे में पुलिस भी विस्तृत जांच के बाद ही बयान जारी करना चाहती है।
बता दें कि ऑफिशियल सीक्रेसी एक्ट 1923 सरकारी कर्मचारियों और सामान्य नागरिकों पर लागू होता है। इस कानून के तहत जो भी शख्स जासूसी में शामिल होगा, देशद्रोह वाली गतिविधियों में सक्रिय रहेगा और ऐसे काम करेगा जो देश की अस्मिता को चोट पहुंचाए, तब ऑफिशियल सीक्रेसी एक्ट लागू होगा। बड़ी बात ये है कि इस कानून में ये कहीं भी स्पष्ट रूप से नहीं लिखा है कि ‘सीक्रेट’ क्या होता है। इस वजह से कई बार जब इस कानून के जरिए कोई कार्रवाई होती तो विवाद भी देखने को मिल जाता है।