अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) :
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे का कहना है कि दो मोर्चों पर जंग के हालात से बचने के लिए सभी क्षेत्रों में प्रयास किए जाएंगे, लेकिन ऐसी स्थिति के लिए सेना को तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में कहा कि सामरिक क्षेत्र, परिचालन स्तर पर और सामरिक स्तर पर भी यह ‘हमारे लिए बड़ा सबक’ है। एक संवाद सत्र में ‘दो मोर्चों पर जंग की स्थिति’ के बारे में पूछे जाने पर जनरल पांडे ने कहा कि ‘दो मोर्चों की जंग स्थिति से बचने के लिए सभी क्षेत्रों में प्रयास किए जाएंगे, लेकिन मेरा मानना है कि हमें अब भी तैयार रहने की जरूरत है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर आप अपने संसाधनों को कैसे प्रयोग में लाएंगे और उनका उपयोग कैसे करते हैं। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि वर्तमान में हम इसी संदर्भ में देख रहे हैं और हमारे पास योजनाएं हैं, जो इस बात पर निर्भर करती हैं कि पहला मोर्चा और दूसरा मोर्चा क्या है। मेजर जनरल पांडे ने कहा कि यह विभिन्न कारकों से जुड़ा काम है और अपनी तैयारियों के स्तर के संदर्भ में कहें तो हम दो मोर्चों पर युद्ध लडऩे की दिशा में तैयारी करते रहेंगे। कई डिफेंस एक्सपर्ट भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के संदर्भ में दो-मोर्चे शब्द का उपयोग करते हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर उन्होंने कहा कि रणनीतिक स्तर पर एक महत्त्वपूर्ण सबक यह है कि इसने हार्ड पॉवर की प्रासंगिकता की फिर से पुष्टि की है। जनरल पांडे ने कहा कि इसने दिखाया है कि जहां राष्ट्रीय हित शामिल हैं, देश युद्ध में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे। दूसरे, भूमि हमेशा युद्ध का एक निर्णायक क्षेत्र बनी रहेगी, विशेष रूप से जहां विवादित सीमाएं हैं। ठीक वैसे ही जैसे हमारे मामले में धारणा है कि जीत हमेशा भूमि केंद्रित रहेगी।