एजेंसियां — अमदाबाद
मानसून की बारिश ने गुजरात में विकास परियोजनाओं के निर्माण में बरती गई भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। गुजरात में 118 करोड़ की लागत से तापी नदी पर एक पुल बना है। इस पुल का उद्घाटन 40 दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया था, लेकिन उद्घाटन के 40 दिनों बाद ही इस पुल पर बड़ी दरारें आ गई हैं। ये दरारें पुल निर्माण में बरती गई कोताही का कच्चा चिट्ठा खोल रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार यह पुल सूरत में वरियाव और वेद गांवों को जोड़ता है और क्षेत्र के आठ लाख से अधिक लोगों को सेवा प्रदान करता है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 17 मई को पुल का उद्घाटन किया था। यह पुल 1.5 किलोमीटर तक फैला है और इसमें चार लेन हैं। वरियाव की ओर जाने वाली सडक़ पर दरारें पाए जाने पर आप पार्षद और सूरत नगर निगम (एसएमसी) में विपक्ष के नेता (एलओपी) धर्मेश भंडेरी ने अन्य अधिकारियों के साथ साइट का निरीक्षण किया। एसएमसी अधिकारियों का मानना है कि पहुंच क्षेत्र में पानी जमा होने से नुकसान हुआ होगा। एसएमसी के ब्रिज सेल विभाग ने पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से पर तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। कर्मचारी इसे ठीक करने और वाहन यातायात बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। भंडेरी ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पहली बारिश के दौरान दरारें दिखने का हवाला देते हुए पुल निर्माण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। भंडेरी ने दावा किया कि भाजपा नेताओं के करीबियों को यह ठेका दिया गया था।