अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) :
गुरुवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सत्र से संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी दलों को सूचित किया कि विप्ख की मांग पर सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। वहीं, विपक्ष ने महंगाई पर भी चर्चा की मांग उठाई। बैठक में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार नियम के तहत हर मसले पर चर्चा के लिए तैयार है। 20 जुलाई से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। सूत्रों के मुताबिक, संसद के इस सत्र में जो बिल पेश किए जाएंगे, इस लिस्ट में सबसे पहला बिल दिल्ली को लेकर लाए गए अध्यादेश से जुड़ा हुआ है।
मानसून सत्र में कुल 31 बिल पेश करने की तैयारी है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस से जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, सपा से रामगोपाल यादव और एसटी हसन, एआईडीएमके से थम्बो दुरई, आप से संजय सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, आरजेडी से एडी सिंह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनके प्रेमचंद्रन पहुंचे। बैठक में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है, अगर सरकार चाहती है कि संसद चले तो उसे विपक्ष के मुद्दों को जगह देनी चाहिए। वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि बैठक में मोदी सरकार से दिल्ली के काले अध्यादेश को वापस लेने की मांग उठाई। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों का फैसला आठ दिन कैसे बदल दिया गया? आखिर अध्यादेश के जरिए संविधान संशोधन कैसे किया जा सकता है?
संसद का हंगामेदार मानसून सत्र आज से, दिल्ली अध्यादेश सहित 31 बिल लाएगी केंद्र सरकार