एजेंसियां — चेन्नई : इसरो सूर्य का अध्ययन करने के लिए दो सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर अपना सोलर मिशन लांच करने वाला है। इसका नाम आदित्य-एल1 रखा गया है। इसरो ने सोमवार को बताया कि आदित्य-एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लैबोरेट्री होगी। इसे सूर्य के चारों ओर बनने वाले कोरोना के रिमोट ऑब्जर्वेशन के लिए डिजाइन किया गया है। भारत का पहला सौर अन्वेषण मिशन आदित्य-एल1 उपग्रह सूर्य की सतह का व्यवस्थित अध्ययन करने के लिए देश में विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित सात वैज्ञानिक पेलोड ले जाएगा। ये पेलोड सूरज की प्रकाशमंडल, वर्णमंडल और सबसे बाहरी परत का अध्ययन करेंगे।
रोवर के सामने चार मीटर चौड़ा गड्ढा आया, बदला रास्ता
बंगलुरू। चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 अभियान को वहां कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वह हर बाधा पर पार पाता जा रहा है। इसरो ने सोमवार को बताया कि रविवार को चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान के सामने चार मीटर चौड़ा गड्ढा आ गया। यह गड्ढा रोवर की लोकेशन से तीन मीटर आगे था। ऐसे में रोवर को रास्ता बदलने की कमांड दी गई। जिसके बाद वह सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर बढ़ रहा है। इस तरह प्रज्ञान ने दूसरे क्रेटर का सामना किया है। इसने पहले रोवर करीब 100 मिलीमीटर की गहराई वाले एक छोटे क्रेटर पर से गुजरा था। चंद्रमा पर रोवर के ऑपरेशन सेमी-ऑटोनॉमस है। इसे चलाने के लिए ग्राउंड स्टेशनों को कमांड को अपलिंक करने की जरूरत पड़ती है।
सात वैज्ञानिक पेलोड साथ ले जाएगा ‘आदित्य’, सूर्य मिशन दो सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा लांच