गुरु धारण किए बिना किया गया पुण्य, दिया गया दान निरर्थक जाता: स्वामी कृष्णानंद महाराज
अखंड समाचार, जालंधर (आर भल्ला): सद्गुरु स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने 3 सितंबर को सुबह हवन यज्ञ के बाद श्री देवी तालाब मंदिर की परिक्रमा की, उन्होंने भक्तों के संघ को शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर के दर्शन करवाए और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
जिसके बाद शाम के कार्यकर्म में स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में बताया कि श्रद्धावानम लभते ज्ञान गुरु धारण किए बिना किया गया पुण्य, दिया गया दान निरर्थक जाता है। मनुष्य योनि ही एक ऐसी है जिसमें अपने कर्मों से आप चोर, डकैत, राक्षस से लेकर परमात्मा तक बन सकते हैं।
इसलिए राम और कृष्ण गुरु गृह गए, जहां जाकर साधारण मनुष्य से भगवान बन गए। गुरु मनुष्य और भगवान के बीच की कड़ी है। गुरु एक द्वार है जिससे होकर ही आप परमात्मा से एक हो सकते हैं। यदि श्रद्धा है तो गुरु से ज्ञान खींच लोगे एकलव्य की तरह। यदि श्रद्धा नहीं है तो गुरु देना भी चाहे तो नहीं ले सकोगे। यदि गुरु के सानिध्य में भी बुरी संगत पकड़ ली तो पतन हो जाएगा अजामिल की तरह। और यदि बुरे कर्म करते हुए भी गुरु की अच्छी संगत पकड़ ली तो डाकू से वाल्मीकि ऋषि बन जाओगे।
बुरी संगत में अच्छा खराब दिखाई देगा और खराब अच्छा। संगत से गुण होत है संगत से गुण जात। इसलिए कहने सुनने की नहीं बल्कि समझने की बात है। अनुभव में उतरो और गुरु द्वार से निकल कर परमात्मा से एक हो जाओ।स्वामी जी द्वारा स्थापित संस्था सद्विपर समाज सेवा यूथ विंग के प्रधान हिमांशु शर्मा, उप प्रधान अक्षुण साहनी, गुरतेज सिंह, वैभव भाटिया ने पोधे का प्रसाद बंटा और संगत को पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया।
स्वामी जी अगले दिन सुबह 6 बजे, पटियाला आश्रम के लिए रवाना हुए और समस्त शहरवासियों को सुख शांति का आशीर्वाद दिया, बताया गया है कि 6 सितंबर को स्वामी जी, पटियाला आश्रम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे।
इस मौके पर जसकरण सिंह, संदीप साहनी, रमेश, अमरजीत, हिमांशु, अक्षुण, अमनजोत, श्रिया, आशना, रमा, मीनाक्षी, राज रानी और रोशन लाल ने श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी, सभी गणमान्यों, पत्रकार भाईचारा और शहर वासियों का तह दिल से धन्यवाद किया हैं।