अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) :
सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी। बोर्ड देश में हल्दी और इसके उत्पादों के विकास के साथ निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देगा। हल्दी के स्वास्थ्य से जुड़े लाभ को को लेकर दुनियाभर में इसको लेकर काफी संभावनाएं और रुचि है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2030 तक हल्दी निर्यात को मौजूदा के 1,600 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 8,400 करोड़ रुपए (एक अरब अमरीकी डॉलर) करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में एक समारोह में बोर्ड की स्थापना की घोषणा की थी और केंद्र ने बुधवार को प्रस्ताव को अधिसूचित कर दिया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि हल्दी के लिए बोर्ड स्थापित करने का फैसला तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के किसानों की लंबे समय से जारी मांग को पूरा करता है। बोर्ड अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, मूल्य संवद्र्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी उत्पादकों के क्षमता निर्माण और कौशल विकास में मदद करेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि बोर्ड हल्दी की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों तथा ऐसे मानकों के अनुपालन को भी बढ़ावा देगा।
कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण की शर्तों को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच मौजूदा कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण की आगे की संदर्भ शर्तों को बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल कि बुधवार को हुई बैठक में इस आशा की प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ङ्क्षसह ठाकुर ने बताया कि बैठक में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच न्यायिक फैसले के लिए अंतरराज्यीय नदी जल विवाद कानून की धारा 5 (1) के तहत मौजूदा कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण की आगे की संदर्भ शर्तों (टीओआर) को मंजूरी दी गई।
किसानों को राहत, हल्दी बोर्ड का गठन, सरकार की मंजूरी, 2030 तक इतने निर्यात का लक्ष्य