एजेंसियां — श्रीनगर : उत्तर कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे अग्रिम इलाकों में शामिल बांदीपोरा जिला के गुरेज सेक्टर को आजादी के बाद पहली बार बिजली ग्रिड से जोड़ा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि अब तक सीमांत का यह क्षेत्र गुरेज बिजली के लिए डीजल जनरेटर पर निर्भर था। कश्मीर बिजली वितरण निगम लिमिटेड (केपीडीसीएल) ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर)पर इसकी घोषणा की है। बताया गया है कि गुरेज को बिजली ग्रिड से जोड़ा गया है।
इसके बाद क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। सीमा से सटे कश्मीर के अधिकतर इलाके ऐसे हैं, जहां अभी भी बिजली की अबाध आपूर्ति पूरी नहीं हो पाई है। गुरेज में बिजली कनेक्शन पहुंचने के बाद अब अन्य इलाकों में भी लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। गुरेज सेक्टर के बिजली ग्रिड से जुडऩे के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
संकट से उबरने को सेना ने स्थापित की थी पवन चक्की
बता दें कि उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे अग्रिम इलाकों में बिजली संकट से उबरने व हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए सेना ने गुरेज सेक्टर में पवन चक्की स्थापित की थी। जुलाई महीने के पहले हफ्ते में स्थापित की गई इस पवन चक्की के जरिए तीन हजार वाट की ऊर्जा पैदा होती है।
इसलिए सुविधा से दूर रहा
कश्मीर के अधिकांश अग्रिम इलाकों में बिजली के लिए स्थानीय नागरिक व सेना डीजल जनरेटर पर ही निर्भर है। डीजल जनरेटर ध्वनि और वायु प्रदूषण पैदा करता है। कई बार अग्रिम इलाकों में डीजल की भी पर्याप्त उपलब्ध नहीं होता। आज तक बिजली नहीं पहुंचने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह क्षेत्र बर्फबारी और भू-स्खलन के कारण सभी प्रमुख शहरों व कस्बों से कटे रहते हैं। अब इस क्षेत्र के बिजली ग्रिड से जुड़ जाने के बाद ऊर्जा का भी संकट खत्म होगा और खर्च भी बचेगा।
आजादी के बाद पहली बार जगमगाया कश्मीर का गुरेज, बिजली ग्रिड से जोड़ा LOC से सटा इलाका