अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) : अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा तथा प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कान्फें्रस के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को ‘बिचौलिया’ करार दिया है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक बार फिर से बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम बताया है। पवन खेड़ा ने कहा कि एक राजनीतिक कार्यक्रम में मेरे और मेरे भगवान के बीच एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बिचौलिए बनकर बैठ जाएं, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे…। आप मेरे धर्म के ठेकेदार बने बैठे हैं और इससे बड़ा कोई भी पाप नहीं हो सकता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है? किस तारीख को किस श्रेणी का व्यक्ति मंदिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा? क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊं?
न इनसान किसी को मंदिर में बुला सकता है और न इनसान किसी को मंदिर जाने से रोक सकता है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए तारीख कौन से पंचांग से बनाई गई है? तारीख का सेलेक्शन चुनाव देख कर किया गया है। हम एक आदमी के राजनीतिक तमाशे के लिए भगवान से खिलवाड़ नहीं देख सकते हैं। इस दौरान खेड़ा ने चार शंकराचार्यों की तरफ सेन्योता ठुकराए जाने के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का एक विधि विधान होता है, धर्म शास्त्र होते हैं। चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती। ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है। उन्होंने कहा कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव नहीं किया गया है, बल्कि चुनाव देखकर तारीख तय की गई है। किसी एक व्यक्ति के राजनीतिक तमाशे के लिए हम अपने भगवान और आस्था के साथ खिलवाड़ होते हुए नहीं देख सकते।
नुकसान हो गया है, चुनाव में दिख जाएगा
भोपाल। राम मंदिर का न्योता ठुकराने को लेकर अब कांग्रेस पार्टी के भीतर भी आवाज उठने लगी है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि इसका नुकसान होगा और चुनाव में इसका नतीजा दिख जाएगा। उन्होंने पार्टी को यह भी याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही ताला खुलवाया था। कांग्रेस के पूर्व विधायक ने कहा कि न्योते को ठुकराने से नुकसान हो चुका है और इसका नतीजा चुनाव में दिख जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां तक निमंत्रण का सवाल है इसको ठुकराने का क्या मतलब है हम क्या संदेश दे रहे हैं। जब राजीव गांधी ने वहां ताला खुलवाया था, तो आप कौन हैं मना करने वाले। इस तरह के सलाहकार हमारा नेतृत्व रखेगा, तो जैसे परिणाम आ रहे हैं वैसे आते रहेंगे। अब दोबारा विचार करें या न करें, बयान बदले या न बदलें, नुकसान हो चुका है और चुनाव में दिख जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते पर सियासत तेज; कांग्रेस बोली, राम के दर्शन के लिए बिचौलिये नहीं चाहिए