पंजाब विवाद सुलझाने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में गठित समिति सफल रही या नहीं, यह वक्त तय करेगा। पर दूसरे प्रदेशों ने इस तर्ज पर अपनी शिकायतों को दूर करने का दबाव बनाने का मौका जरूर दे दिया है। राजस्थान के बाद अब हरियाणा कांग्रेस का एक गुट भी पंजाब की तर्ज पर सुनवाई की मांग कर रहा है। हरियाणा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब पंजाब के विधायकों की बात पार्टी नेतृत्व सुन सकता है, तो हमारी बात भी सुनकर उस पर अमल होना चाहिए।
हरियाणा में विधायकों का एक बड़ा तबका पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहा है। इस सिलसिल में गुरुवार को 19 विधायकों ने प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल से मुलाकात कर हुड्डा को अध्यक्ष बनाने की मांग की।
राजस्थान में चाकसू के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी कई बार दोहरा चुके हैं कि पार्टी नेतृत्व जब दस दिन के अंदर नवजोत सिंह सिद्धू की बात सुन सकता है, तो दस माह बीत जाने के बाद भी हमारी सुनवाई क्यों नहीं है। पंजाब की तर्ज पर हमारी शिकायतों को भी सुना जाना चाहिए। विकासशील समाज अध्ययन केंद्र (सीएसडीएस) से जुड़े राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार दुबे कहते हैं कि पंजाब के बाद राजस्थान और हरियाणा में इस तरह की मांग उठना स्वभाविक है। पर हर जगह समिति बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
दुबे कहते हैं कि कांग्रेस आलाकमान को इन प्रदेशों की बात भी सुननी चाहिए। बकौल दुबे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हिदायत देकर राजस्थान का विवाद सुलझ सकता है। वहीं, हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करनी है, तो फैसला लेना होगा। दरअसल, हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं। प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इनमें से 20 से ज्यादा विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ हैं। हुड्डा लंबे वक्त से प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने की मांग कर रहे हैं, पर पार्टी नेतृत्व कोई फैसला नहीं ले पा रहा है।
सैलजा को अध्यक्ष पद से हटाना चाहते हैं हुड्डा समर्थ
हुड्डा के समर्थक विधायक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से कुमारी सैलजा को हटाने की पैरवी कर रहे हैं। हुड्डा के समर्थक एक नेता ने कहा, ‘हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है। हमारा मानना है कि हुड्डा जी की अगुवाई में ही भाजपा की सरकार को ज्यादा कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है।’ दूसरी तरफ, सैलजा के समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है।