वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल में 53 मंत्री हैं। संविधान के मुताबिक अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में 28 और लोगों को समायोजित किया जा सकता है।
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा ज़ोरों पर है। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में व्यापक फेरबदल होगा। ऐसा मान जा रहा है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को भी इसमें शामिल कर सकती है।द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आईबी को कथित तौर पर संभावित मंत्री के नामों की एक सूची जांच के लिए दी गई है। इसका कारण यह हो सकता है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को महाराष्ट्र में अस्थिर गठबंधन सरकार को गिराने के लिए राजी करने की उम्मीद कर रही है। ऐसे में शिवसेना को मंत्रिमंडल में रखा जा सकता है।शिवसेना नेता और ‘सामना’ के संपादक संजय राउत पिछले कुछ समय से पीएम मोदी पर अनैच्छिक रूप से नरम रहे हैं। पैच-अप फॉर्मूला यह हो सकता है कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के सीएम रहने दिया जाये और देवेंद्र फडणवीस को नई दिल्ली बुलाया जाएगा।पूर्व मुख्यमंत्री के पास नागपुर का आशीर्वाद हो सकता है, लेकिन वह भाजपा आलाकमान के पसंदीदा नहीं हैं, खासकर तब से जब उन्होंने पार्टी के पोस्टरों पर नरेंद्र के साथ अपना पहला नाम देवेंद्र डाला था। भाजपा मुआवजे के रूप में दो डिप्टी सीएम और एक प्रमुख मंत्रालय दे सकता है।शिवसेना अपने सदस्यों की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसियों से परेशान है और कांग्रेस के राज्य प्रमुख नाना पटोले के मुख्यमंत्री बनने और चुनाव अकेले लड़ने के बयान से नाराज़ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस बार कई नए नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं।