कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की बातें बाहर आने से रोकने में इस बार भी कांग्रेस असफल ही रही है। 16 अक्टूबर को हुए इस बैठक से पहले कांग्रेस आलाकमान ने तय किया था कि, कोई भी सदस्य अंदर फोन लेकर नहीं जाएंगा, ताकि मीटिंग की बातें बाहर ना आ सके।
हालांकि कांग्रेस की ये कोशिश एक बार फिर नाकाम हो गई। फोन न ले जाने के बावजूद मीटिंग की बातें इस बार भी तुरंत ही बाहर आ गई थी। कांग्रेस इस बात को लेकर परेशान है कि ये बातें लीक कैसे हुई है?
दरअसल इस बार की मीटिंग में कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव को लेकर चर्चा हो रही थी। इस चुनाव को लेकर शेड्यूल की भी बातें हुईं। अब ये शेड्यूल जबतक कांग्रेस की तरफ से आता, उससे पहले ही मीटिंग के अंदर से ही किसी ने इसका पूरा खाका लीक कर दिया। जबकि कांग्रेस के सूचना विभाग को भी काफी देर से इस शेड्यूल की जानकारी मिली थी। लेकिन उससे पहले ही ये खबर माडिया में आ चुकी थी।
अब कांग्रेस नेता इस बात से परेशान हैं कि आखिर मीटिंग की बातें लीक हुई तो कैसे और किसने की। क्योंकि वरिष्ठ नेताओं समेत सभी सदस्यों के मोबाइल फोन बाहर ही रखवा दिए गए थे। किसी भी सदस्य के पास अपना फोन नहीं था। कांग्रेस अलाकमान को एक बार फिर से ये बातें लीक होने से किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है।
16 अक्टूबर से पहले की मीटिंग के दौरान की गई बातें भी तुरंत मीडिया के सामने आ गई थी। इसलिए इस बार कांग्रेस पहले से ही सतर्क थी। मीटिंग के पहले ही फोन बाहर रखने को फैसला किया गया, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सभी नेताओं ने बाहर ही अपना फोन रख दिया। इसके बाद भी बातें लीक हो ही गईं।
बता दें कि इस मीटिंग में भी सोनिया गांधी ने साफ कहा था कि यहां से वही बातें बाहर जाएंगी जो हम तय करेंगे। जी-23 के नेताओं को लेकर भी सोनिया ने कड़े तेवर दिखाए थे। उन्होंने कहा था- मैंने सदा स्पष्टवादिता की सराहना की है। मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है”।
आगे सोनिया गांधी ने कहा कि हम इस मीटिंग में खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं, लेकिन इस चारदीवारी से बाहर जो बात जाए वो सीडब्ल्यूसी का सामूहिक फैसला होना चाहिए।