मंत्री का बंगला लेकर राजस्थान का विधायक चला रहा पंजाब की सरकार, कैप्टन अमरिंदर का हरीश चौधरी पर हमला

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज कांग्रेस सचिव पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के इन आरोपों को बेबुनियाद करार देकर खारिज किया कि वह मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए थे। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि यदि उनकी मिलीभगत होती तो वह कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करते। इसके अलावा वह विधानसभा में कानून रद्द करने का प्रस्ताव पारित नहीं करवाते। यही नहीं कैप्टन अमरिंदर ने चौधरी पर निजी हमला बोलते हुए कहा कि वह राजस्थान में एक हत्या के मामले में आरोप लगने के कारण मंत्री पद से हटाए गए विधायक को सफाई देने के लिए बाध्य नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने हरीश चौधरी को चंडीगढ़ में मंत्रियों को दिया जाने वाला बंगला मिलने पर भी ऐतराज जताया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सवाल पूछा कि आखिर यहां उनकी रिहायश का खर्च कौन उठा रहा है? इससे पहले हरीश चौधरी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी पत्नी पर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया था। इसके अलावा कैप्टन की पत्नी परनीत कौर के पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए नोटिस भी जारी किया था। परनीत कौर को पार्टी ने एक सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की ओर से जारी नोटिस को लेकर कहा, ‘आप मुझे बताएं कि कांग्रेस से जुड़ने के लिए कितने लोगों ने आम आदमी पार्टी छोड़ी है। लेकिन कांग्रेस में ऐसे कई लोग हैं। परनीत ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन नहीं किया है। फिर ऐसे नोटिस का क्या मतलब बनता है।’ कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि हरीश चौधरी खुद संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। वह पंजाब सरकारी की कैबिनेट मीटिंग में बैठते हैं। मैंने ऐसे कई वीडियोज देखे हैं, जिसमें मीटिंग्स के दौरान वह चन्नी को आदेश देते नजर आते हैं। वह चन्नी को आदेश देते हैं और पूरे पंजाब को चला रहे हैं।

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