जालंधर (रितु) हंस राज महिला महाविद्यालय के परिसर में नोडल एजेंसी पंजाब स्टेट कौंसिल साइंस एवं टेक्नालोजी के अधीन विज्ञान सर्वत्र पूज्यते शीर्षक अधीन चतुर्थ दिवस का आयोजन किया गया। चौथे दिन का मुख्य विषय – ‘आविष्कार और नवाचार’ रहा। समारोह का शुभारंभ ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित कर एवं डी.ए.वी. गायन में प्रतिभागिता कर किया गया। तत्पश्चात् मुख्यातिथि स्वरूप उपस्थित महान सुधी विशेषज्ञ प्रो. डॉ. आई.एस. दुआ, प्रो. आफ प्लांट मोलिक्यूलर बायोलॉजी एण्ड फारमर चेयरमैन, डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी, पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ का स्वागत प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन, मीनाक्षी स्याल, कनवीनर, कोआर्डिनेटर्स ऑफ इवेंट डॉ. नीलम शर्मा, डॉ. सीमा मरवाहा, डॉ. हरप्रीत सिंह द्वारा प्लांटर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। इसी दौरान आज के दिवस की प्रतियोगिता के निर्णायकों मोनिका खोसला, विभागाध्यक्षा कैमिस्ट्री विभाग, बी.डी. आर्या कॉलेज, जालंधर कैंट, अमृत कौर, एसएन कॉलेज बंगा, जसविंदर विभागाध्यक्षा भौतिकी विज्ञान, दयानंद मॉडल स्कूल दयानंद नगर, जालंधर एवं सुरजीत लाल, कैरियर कौंसलिंग सैल एक्सपर्ट को प्लांटर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर हार्दिक अभिनंन्दन किया। इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने मुख्यातिथि प्रो. डॉ. आई.एस. दुआ के संभाषण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक सुनहरी मौका था कि आप जैसे महान विद्वान को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं कहा कि जैसे कुँए के पास प्यासा जाता है, वैसे ही आज हमारी संस्था में ज्ञान के प्यासों के पास स्वयं ज्ञान का भंडार हमारे पास आया है जिनके ज्ञान के माध्यम से हम सभी आलौकित एवं प्रकाशमय हो गए हैं। अंत में उन्होंने छात्रओं को विज्ञान के प्रति रूचि बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। डॉ. आई.एस. दुआ ने अपने संबोधन में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से जीवन की सराहना के विषय पर विचार प्रकट किए। जिसमें उन्होंने मनुष्य के जीवन की अविश्वसनीय यात्र का वर्णन किया जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि विज्ञान का मुख्य उद्देश्य ब्रह्माण्ड में परिवर्तन लाना नहीं बल्कि अपने विषय से संबंधित प्रश्नों एवं उत्तरों को खोजना है, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास समाज के लिए करना एवं मानवता के लाभ के लिए करना चाहिए। उन्होंने छात्रओं के साथ विश्व के महान वैज्ञानिक वेत्ताओं जैसे अल्फर्ड नोबल, प्लेटो, रार्बट हुक आदि के बारे में पीपीटी के माध्यम से विचार सांङो किए। उन्होंने कहा कि विज्ञान में बहुत तेजी से प्रचार, प्रसार एवं परिवर्तन होते हैं इसलिए विज्ञान के द्वारा हम लोगों को जागृत कर सकते हैं। अंत में उन्होंने कहा कि विज्ञान अहम् और वहम् दो चीजें खत्म करती है। तत्पश्चात् छात्रओं को विज्ञान के क्षेत्र में नारी शक्ति विषय पर दस्तावेजी फिल्म दिखाई गई जिसके माध्यम से अन्नामणि, डॉ. जानकी, कंदमुनि गांगुली, चंद्रमुखी आदि द्वारा साइंस के क्षेत्र में योगदान को प्रदर्शित किया गया। चौथे दिवस में मुख्य आकर्षण पुस्तक मेला, पोस्टर प्रदर्शनी एवं नवाचार गैलरी का प्रदर्शन रहा। सत्र का संचालन सलोनी शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर स्टिल एवं वर्किग मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें भिन्न-भिन्न स्कूलों, कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटी से 110 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता करते हुए हाइड्रोइलैक्ट्रिक पॉवर प्लांट, सोलर पावर प्लांट, वेस्ट टू वैल्थ, सोलर बाईसाइकिल, इको फ्रैंडली टाऊन, रिस्क ऑफ स्मोकिंग आदि सभी को आकर्षित करने वाले मॉडल बना कर विज्ञान के क्षेत्र में हो रही इनोवेशन और इनवेंशन को प्रदर्शित किया। इस प्रतियोगिता के निर्णायकों ने निर्णायक की भूमिका सफलतापूर्वक निभाते हुए स्कूल वर्ग के अन्तर्गत जितेन सेठी एवं वर्णिका ने पहला, मारूत कालरा ने दूसरा, भूमि, भुवनेश और पीयूष मलिक एवं भूमिका सैनी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कॉलेज वर्ग के अन्तर्गत साहिबरीत एवं प्रियंका ने पहला, मानसी ने दूसरा, हरलीन कौर एवं हरलीन कौर सहानन ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विज्ञान मेले में 700 से अधिक विभिन्न स्कूलों, कालेजों एवं यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इसके साथ-साथ 50 सीनियर सिटीजन जो कि अलग-अलग गांवों के सरपंच थे, उन्होंने इस विज्ञान मेले का दौरा किया और इस मेले को देखकर मंत्रमुग्ध हुए एवं वादा किया कि वे अपने-अपने गांवों में जाकर लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में हो रही प्रगति और विज्ञान कितना रूचिकर है, इसके प्रति उन्हें जागरूक करेंगे। इस साइंस उत्सव का मुख्य उद्देश्य छात्रओं में विज्ञान संबंधी आकर्षण पैदा करना, प्रतिभाशाली छात्रों को उचित मंच प्रदान करना रहा, जिसके माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र में हो रही अन्वेषणों के विषय में जानकारी प्राप्त हुई। तत्पश्चात दोपहरांत सत्र में विशेषज्ञ वार्ता के अधीन शिबानंद दास, सीईओ, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर ने टीबीआई इन्क्यूवेटर विषय पर विचार प्रस्तुत करते हुए इनवेशन क्या है, इसके क्या स्तर हैं, के बारे में बताया। उन्होंने हिना लेखी, ऋचा कौल, रश्मिी सिन्हा जैसी आम स्त्रियों जिन्होंने बड़े व्यापार स्थापित किए और अपने बिजनैस उद्योग कैसे स्थापित कर सकते हैं, जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। शाम के सत्र में छात्रओं ने रसायन विज्ञान की संवेदनाओं के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षा प्राप्त की।
एचएमवी में विज्ञान सर्वत्र पूज्यते समारोह के चौथे दिन स्टिल एवं वर्किग मॉडल रहे मुख्य आकर्षण