अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) : देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिल चुकी हैं. द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है. देश के मुख्य न्यायाधीश एन एन रमण द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए द्रौपदी मुर्मू ने देश की जनता का अभिनंदन किया है और उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता का हित उनके लिए सर्वोपरि रहेगा।
शपथ लेने के बाद क्या कहा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ के बाद संबोधन की शुरुआत हार से की। कहा- जोहार ! नमस्कार ! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं।
आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।
द्रौपदी मुर्मू ने शपथ लेते हुए कहा कि सबके विश्वास से भारत के उज्जवल भविष्य का निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस देश में गरीब के सपने भी पूरे होते हैं. कोविड काल का चर्चा करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कोरोना जैसे भयानक समय में देश ने दूसरे देशों की मदद की।
द्रौपदी मुर्मू ने उनको देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने के लिए चुनने वाले सभी सांसदों एवं विधायकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सबको जोहार कहा।
भारत के राष्ट्रपति पद पर मेरा निर्वाचन मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह देश के हर गरीब की उपलब्धि है।
मैं ओडिशा के जिस गांव में पैदा हुई वहां स्कूल जाना एक सपना था। मैंने अपने गांव से कॉलेज जाने वाली पहली लड़की थी।
भारत के राष्ट्रपति पद पर मेरा निर्वाचन मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह देश के हर गरीब की उपलब्धि है। देश का हर गरीब व्यक्ति मुझमें अपना प्रतिबिंब देख सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, सभी भारतीयों की अपेक्षाओं आकांक्षाओं और अधिकारों के प्रतीक, संसद में खड़े होकर मैं आप सभी का नम्रतापूर्वक आभार व्यक्त करती हूं।
इस नई जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपका विश्वास और समर्थन मेरे लिए एक बड़ी ताकत होगी।
मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं में जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ।
स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ ग्रहण करने के बाद कहा कि राष्ट्रपति पद पर पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है।
मेरा नामांकन इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मुझे इस बात की संतुष्टि है कि जो लोग वर्षों से विकास से वंचित थे – गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी- मुझे अपने प्रतिबिंब के रूप में देख सकते हैं।
मेरे नामांकन के पीछे गरीबों का आशीर्वाद है, यह करोड़ों महिलाओं के सपनों और क्षमताओं का प्रतिबिंब है।
इन मामलों में द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास :
देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति
पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति
स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति
मुर्मू (64) ने देश की नई राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत हासिल किए थे।
विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा के खिलाफ उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की। निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने बताया कि उन्हें सिन्हा के 3,80,177 मतों के मुकाबले 6,76,803 मत हासिल हुए थे।
केरल के एक विधायक को छोड़कर सभी विधायकों ने सिन्हा को वोट दिया जबकि मुर्मू को आंध्र प्रदेश से सभी मत मिले। वह स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं।